वाह रे अस्पताल प्रबंधन: आपका दान किया हुआ 41 यूनिट रक्त कचरा कर दिया ,फ्रीज खराब होने के बहाना बनाकर बचना चाह रहे है

शिवपुरी। जिले में चारों और भ्रष्टाचार अपनी जडे जमाए बैठा है। हालात यह है कि यहां खुलेआम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलबाड किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय में बीते 6 माह से अल्ट्रासांउड बंद है। इसी बीच जो आपने रक्त दान किया उसी रक्त को जिम्मेदारों ने कचरा बना दिया। अब इतनी बडी लापरवाही के पीछे की बजह क्या है यह तो आप समझ ही सकते है। अब हद तो तब हो गई जब इसका खुलासा हुआ तो जिम्मेदार फ्रीज खराब होने का बहाना बनाकर बचने की जुगाड में लगे है। अब 41 यूनिट रक्त से कितने मरीजों की जान बचती। इसकी इन्हें कोई परवाह नहीं है।

विदित हो कि शहर में कई संस्थाओं सहित आमजन द्वारा मरीजों की जान बचाने के लिए समय-समय पर ब्लड डोनेट किया जाता है। जिसे ब्लड बैंक को दान कर दिया जाता है और इमरजेंसी केसों में यह ब्लड मरीजों तक पहुंचाया जाता है। परंतु जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में लापरवाही के चलते वहां रखा 41 यूनिट ब्लड खराब हो गया। जब यह बात ब्लड बैंक प्रबंधन को लगी तो उन्होंने पहले मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया।

लेकिन बाद में जब मामला अस्पताल से बाहर आया तो प्रबंधन ने लीपा-पोती शुरू कर दी और बताया कि फ्रीज खराब होने से ब्लड की 41 यूनिट खराब हो गई है। जिसकी भनक तक वहां कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को नहीं लगी।

ब्लड बैंक में ब्लड को सुरक्षित रखने के लिए फ्रिज का तापमान 2-6 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए ऐसे में अगर फ्रिज का तापमान इससे अधिक या कम होता है तो एक घंटे के भीतर फ्रिज में रखी ब्लड यूनिट खराब हो सकती हैं। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ पवन राठौर ने बताया ब्लड बैंक में रखे फ्रिज का तापमान माइनस 4 डिग्री तक पहुंच चुका था इसी के चलते ब्लड बैंक फ्रिज में रखी 41 यूनिट खराब हो गई। डॉक्टर पवन राठौर के अनुसार फ्रिज का टेंपरेचर लगातार हुए वोल्टेज के फ्लकचुएशन के कारण बिगड़ गया। चूंकि ऐसी स्थिति में 1 घंटे के भीतर ब्लड यूनिट खराब हो सकती है जब तक ब्लड बैंक के स्वास्थ्य कर्मियों ने फ्रिज को जांचा तब तक फ्रीज में रखी ब्लड की यूनिट खराब हो चुकी थी।

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