फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी कर रहे डॉ सुनील को कोतवाली पुलिस ने किया गिरफ्तार ,हाईकोर्ट के आदेश के बाद दी जमानत

शिवपुरी। खबर शहर के सिटी कोतवाली क्षेत्र से आ रही है। जहां पुलिस ने एक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में फरार चल रहे जिला चिकित्सालय के एक डॉक्टर को गिरफ्तार कर उसे नोटिस पर जमानत दे दी है। उक्त डॉक्टर ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल की थी। इस मामले में पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ धोखाधडी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था।
जानकारी के अनुसार मेडिकल ऑफिसर डॉ सुनील कुमार खंडेलिया पुत्र बाबू सिंह सहरिया की किसी अज्ञात व्यक्ति ने एसटीएफ भोपाल में मेल से शिकायत की थी कि डॉक्टर सुनील कुमार खंडेलिया पुत्र बाबू सिंह सहरिया मूल रूप से बाबू सहरिया का नहीं बल्कि रिटायर्ड तहसीलदार सरनाम शर्मा का बेटा है। उसने नौकरी पाने के लिए बाबूलाल सहरिया का गोदनामा बनबा लिया था। जिसके चलते उसका एसडीएम आॅफिस से आदिवासी कोटे का फर्जी जाति प्रमाण पत्र भी बन गया। और इसी फर्जी प्रमाण पत्र के बेस पर उसने आदिवासी कोटे से डॉक्टर की डिग्री हासिल कर ली।
बताया गया है कि इस मामले की शिकायत के बाद एसटीएफ की टीम सक्रिय हुई और इस मामले में टीआई जितेन्द्र सिंह कुशवाह ने जांच के बाद डॉक्टर सुनील कुमार सहरिया पुत्र बाबूलाल सहरिया निवासी शांति नगर ठाठीपुर मुरार हाल निवासी संतुष्ठि शिवपुरी के खिलाफ अपराध क्रमांक 864/16 पर धारा 420, 467,468 471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में 2016 में मामला दर्ज हो जाने के बाद
इस मामले की जांच एसटीएफ के टीआई जितेन्द्र कुशवाह ने की और इस मामले में डॉ सुनील कुमार सहरिया पुत्र बाबूलाल सहरिया निवासी 48 शांति नगर ठाठीपुर मुरार हाल निवासी संतुष्टि कॉलोनी शिवपुरी मेडिकल ऑफिसर जिला अस्पताल शिवपुरी पर पर सिटी कोतवाली पुलिस ने अपराध क्रमांक 864/16 पर धारा 420, 467,468 471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था। तब से यह फरार चल रहा था। इस मामले में कोतवाली पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी।
बताया गया है कि डॉ सुनील ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार 2011 में एससी कोटे से एमपीपीएससी का एग्जाम क्रैक किया और उज्जैन के प्राइवेट कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। इस मामले में पुलिस लगातार आरोपी की तलाश कर रही थी परंतु आरोपी का कही पता नहीं चल रहा था। इसी बीच अब पुलिस दिसम्बर होने के चलते पुराने मामलों को खत्म कर रही है। इसी के चलते पुलिस ने आज इस मामले की फाईल उठाकर आरोपी को कोतवाली बुलवाया। जहां पुलिस के पास आरोपी डॉक्टर आया और उसने बताया कि उसे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी है।
जिसपर पुलिस ने उससे पूछा कि अगर उसे अग्रिम जमानत मिल चुकी थी तो वह उसकी एक कॉपी थाने में देने क्यों नहीं आया तो डॉक्टर ने अपनी गलती मानी और कोतवाली पुलिस को एक कॉपी उपलब्ध कराई। उसके बाद पुलिस ने युवक को कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने पर छोड दिया।
इनका कहना है
यह मामला हमारे यहां चल रहा है। जिसमें उक्त युवक को माननीय हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी। इसे हमने थाने बुलाकर जमानत की कॉपी लेकर जाने दिया है। यह मामला फर्जी जाति प्रमाण पत्र से जुडा है।
अरविंद छारी,उपनिरीक्षक सिटी कोतवाली शिवपुरी।