शिवपुरी में CM की शक्त हिदायत के बाद भी झांसी रोड पर ठेकेदार ने कर दिया काम बंद, CM को ​ही दिखाया ठेंगा

शिवपुरी। जिले में अफसरशाही किस हद तक हाबी है। ​इसका जीता जागता उदाहरण ​आप खुलेआम देख सकते है। यहां खुलेआम अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है। खुलेआम रिश्वत मांगने के वीडियों आॅडियों सामने आ रहे है। परंतु किसी की क्या मजाल है कि इनपर कार्यवाही की जाए। यहां अधिकारी अधिकारीयों को तो ठेंगा दिखा रहे है। परंतु आज हम बात कर करे है मुख्यमंत्री के आदेश की। यहां अधिकारी और ठेकेदार मिलकर मुख्यमंत्री के ही आदेश को हबा में उडा रहे है।

दरअसल ​बीते 16 दिसम्बर को शिवपुरी दौरे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आना हुआ था। ​इस दौरान मुख्यमंत्री को शहर में लाने के लिए प्रशासन ने हवाई पटटी से उनका रूट बदलते हुए मुक्तिधाम होकर अतिरिक्त 3 किमी का फैरा लगाकर लाया गया। जिसे लेकर मुख्यमंत्री ने भरे मंच से पीडब्ल्यूडी के ईई को बुलाकर फटकार लगाकर इस रोड को कितने दिन में कम्पलीट करेंगे। यह जानकारी ली। परंतु जैसे ही मुख्यमंत्री ने यहां से मुंह फैरा अधिकारी और ठेकेदार अपनी मस्ती में मस्त हो गए।

मंच से पीडब्ल्यूडी ईई यादव ने जनवरी 2023 तक सड़क बनाकर देने का वादा भी कर दिया था। सीएम के हस्तक्षेप से शहर की जनता को सड़क निर्माण पूरा होने की आस बंधी, लेकिन ठेकेदार ने वापस काम बंद कर दिया है। इसे लेकर जनता की नाराजगी सरकार के प्रति भी बढ़ रही है। खुद सरकार के हस्तक्षेप के बाद भी सड़क नहीं बनने से आमजन में खासी नाराजगी है। बता दें कि सीएम के दाैरे की खबर लगते ही ठेकेदार ने आनन फानन में मशीनें उतार दीं और करीब एक किमी में कच्च डामर भी करा दिया। उसके बाद से आगे ज्यादा कुछ काम नहीं हुआ है।

एक किमी में कच्चा डामर
झांसी तिराहा से काली माता मंदिर के आगे तक गड्ढे यथावत हैं। गोविंद नगर के सामने गिट्टी व मुरम का काम करके छोड़ दिया है। जवाहर कॉलोनी के सामने भी बेस बनाकर छोड़ा है। भूमिया बाबा मंदिर के आगे से हवाई पट्टी तक डिवाइडर बन चुके हैं। यहीं से करीब 1 किमी में कच्ची डामर करके छोड़ दिया है। इस सड़क का साल 2019 में ग्वालियर की फर्म पीतांबरा आइडिया कंस्ट्रक्शन से एग्रीमेंट हुआ था।

बिल भुगतान पर अधिकारी व ठेकेदार में खींचतान
16 दिसंबर को भरे मंच से जिस अंदाज में सवाल-जवाब हुए, उससे यह सड़क अब प्रदेश के मुखिया की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। अब सड़क का काम 1.50 करोड़ के बिल भुगतान पर आकर अटक गया है। ठेकेदार और अधिकारियों के बीच खींचतान चल रही है। जबकि जनता को परेशानी के दौर से गुजर रही है।

इनका कहना है
मुख्यमंत्री के दौरे के वक्त डामरीकरण का कुछ कार्य हो चुका है। समस्या कहां आ रही है, इसे लेकर हम ठेकेदार से बातचीत करेंगे। हर हाल में सड़क का काम पूरा कराएंगे। पारिवारिक कार्य के चलते अभी बाहर आया हूं, शिवपुरी आकर सड़क का आगे का काम चालू कराएंगे।
धर्मेंद्र सिंह यादव, ईई, लोक निर्माण विभाग जिला शिवपुरी

ठेकेदार द्वारा लैब स्थापित नहीं की गई है, जिससे जांच नहीं हो पा रही है। टेस्टिंग नहीं होने के कारण डामर डिजाइन का पता नहीं चल पा रहा। ठेकेदार बिल बनाकर दे तो हम बुक में चढ़ा दें। ठेकेदार की तरफ से काम में लेट लतीफी की जा रही है।

हरिओम अग्रवाल, एसडीओ,पीड्ल्यूडी

पीडब्ल्यूडी एसडीओ बुक में बिल नहीं चढ़ा रहे, 1.50 करोड़ का भुगतान रुका है। जितना बजट था, जेब से खर्च कर चुका हूं। हमारा डामर टेस्टिंग में पास है। कोर कटिंग जांच विभाग को करानी है, मैं पेमेंट करने तैयार हूं।
सन्नी सिकरवार, ठेकेदार, पीतांबरा आइडियल कंस्ट्रक्शन ग्वालियर

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