रिश्वत से भरा ऑडियो वायरल: 5 हजार का लेनदेन, 30 हजार में हुआ था सौदा, डिप्टी रेंजर का है ऑडियो

शिवपुरी। बैसे तो शिवपुरी जिला पूरी तरह भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है यहां अधिकारी कर्मचारी बिना किसी डर और भय के खुलेआम रिश्वत वसूलते हुए दिखाई देते हैं। लगातार मामले प्रकाश में आने के बावजूद भी यह सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही मामला आज प्रकाश में आया है जहां एक डिप्टी रेंजर का ऑडियो जमकर वायरल हो रहा है । भ्रष्टाचार से भरे इस ऑडियो में डिप्टी रेंजर खुलेआम एक ट्रैक्टर को छोड़ने के एवज में ₹30000 की बातचीत करते हुए सुनाई दे रहे हैं। हालांकि दूसरी ओर से ₹5000 देने के बाद 25000 और देने को लेकर यह ऑडियो में सुनाई दे रहा है।
बताया गया है की डिप्टी रेंजर ने 1 छाल से भरा ट्रेक्टर पकड़ा था। डिप्टी रेंजर ने दलालों के कहने पर ट्रैक्टर छोड़ दिया। कार्रवाई ना करने के एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। ग्रामीण द्वारा 5 हजार रुपए डिप्टी रेंजर को दे दिए। शेष रकम को लेकर विवाद की स्थिति बन गई। दूसरे ग्रामीण ने डिप्टी रेंजर से इस संबंध में बातचीत की जिसकी बातचीत का ऑडियो वायरल सामने आया है।
इस मामले में सरवन पुत्र दाताराम धाकड़ निवासी बूढ़दा का कहना है कि वह करियारा गांव में डीजल इंजन उठाने गया था। ट्रैक्टर खराब होने पर ठीक कराया और सुबह 6 बजे लौट रहा था। तभी डिप्टी रेंजर दो-तीन लोगों के साथ कार से मिले। चूंकि ट्रॉली में छौले की लकड़ियां पड़ी थीं, जिसे लेकर डिप्टी रेंजर ट्रैक्टर-ट्रॉली को वन चौकी ले गए और खैर की लकड़ियां डालकर राजसात करने की धमकी देने लगे।
ट्रैक्टर-ट्राॅली छोड़ने के एवज में 30 हजार रु. रिश्वत की मांग की। एडवांस 5 हजार रुपए ग्रामीण से मांगकर लाए और डिप्टी रेंजर को दे दिए। डिप्टी रेंजर से उक्त रिश्वत मामले को लेकर सरवन के परिचित युवक ने डिप्टी रेंजर मनोज दोहरे से फोन पर बातचीत की। रिश्वत के 5 हजार रुपए मिलना स्वीकार किया। दो दलालों का जिक्र करते हुए डिप्टी रेंजर दोहरे ने कहा कि वह बाकी रुपए कल्लू और और लल्ली से ले लेंगे।
फिर चाहे दोनों यह राशि कहीं से भी लाकर दें। क्योंकि दोनों के कहने पर उसने ट्रैक्टर छोड़ा था। इस मामले में एसडीओ और डीएफओ से भी शिकायत की है। अधिकारियों ने जांच करा कर कार्रवाई की बात कही है। हालांकि स्वतंत्र शिवपुरी इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।
इनका कहना है
किसी मेटर पर मेरे पास कॉल आया था। मैंने कहा था कि आप मेरी इससे-उससे बात क्यों कराते हो, खुद किया करो। मैंने इन लोगों से किसी तरह के पैसे नहीं लिए हैं।
मनोज दोहरे , डिप्टी रेंजर, सब रेंजर सतनवाड़ा
लिखित शिकायत के आधार पर हम एसडीओ और डीएफओ से बातचीत करके जांच कराएंगे। यदि डिप्टी रेंजर दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई होगी।
केपीएस धाकड़, रेंजर, वन परिक्षेत्र सतनवाड़ा