नगर निगम की घोषणा होते ही प्रस्ताब बनाकर भेजा भोपाल, इन 42 गांव को जोडा जाएगा नगर निगम में

शिवपुरी। बीते रोज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिवपुरी को नगर पालिका से नगर निगम की सौंगात देकर गए है। जिसे लेकर अब प्रशासन भी एक्शन में आ गया है। उनके शिवपुरी से जाते ही शिवपुरी जिला प्रशासन ने शिवपुरी नगर निगम का प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेज दिया है। नगर निगम बनाने की प्रक्रिया प्रशासन ने शुरू करते हुए 42 गांवों को इसमें जोडा जा रहा है। जिसका प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।
इसके लिए वर्ष 2021 में जनगणना न होने की वजह से वृद्धि दर को जोडक़र 3.19 लाख का आंकड़ा पूरा कर लिया। महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्व में भी एक बार नगर निगम का प्रस्ताव शिवपुरी से शासन को भेजा गया था, लेकिन उस समय आबादी पूरी न होने से वो रिजेक्ट हो गया था, इसलिए बनाई गई कमेटी ने पहले आबादी की शर्त को पूरा किया।
विदित हो कि बीते 16 दिसंबर को शिवपुरी दौरे पर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए शिवपुरी को नगर निगम बनाने की घोषणा करते हुए प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रशासन को निर्देश दिए थे। सीएम के आदेश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर नगरनिगम का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया। हालांकि अभी यह प्रस्ताव शासन के पास पहुंचने के बाद वहां से वापस आएगा तथा दावे-आपत्ति आमंत्रित की जाएंगी। उसके बाद पुन: यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा, जहां से स्वीकृत होकर नगरीय प्रशासन के पास पहुंचेगा।
यह 42 गांव होंगे नगर परिषद में शामिल
शिवपुरी को नगरनिगम बनाए जाने के लिए आबादी पूरी करने हेतु 42 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया। इनमें कांकर, सतनबाड़ा, सतनबाड़ाखुर्द, कोटा, हातौद, करई, मझेरा, बड़ागांव, बांसखेड़ी, रायश्री, सतेरिया, बिलोकलां, कुश्यारा, सुहारा, टोंगरा, पिपरसमा, रातौर, ईटमा, तानपुर, लालगढ़, लोहादेवी, करमाजकलां, कुड़ावदा, ख्यावदाकलां, टोंका, भावखेड़ी, ठर्रा, दर्रोनी, सिंहनिवास, नोहरीकलां, चंदनपुरा, चिटोरा, गूगरीपुरा, मुड़ेरी, रातीकिरार, खोरघार, सिरसौद, ठेह, डोंगर, गंगोरा, धुआनी व बूढ़ीबरोद को शामिल किया है।
इसके साथ ही बढ जाएगा अधिकारीयों का हौदा
अभी तक नगरपालिका में अध्यक्ष व सीएमओ हुआ करते थे, लेकिन नगर निगम बनने के बाद सीएमओ की जगह कमिश्रर (आईएएस रेंक का अधिकारी) व अध्यक्ष की जगह महापौर कहलाएगा। पद का कद बढ़ने के साथ ही शिवपुरी शहर में करोड़ों के प्रस्ताव आसानी से स्वीकृत हो जाएंगे तथा आबादी बढ़ने के साथ ही नगरीय प्रशासन से मिलने वाला अनुदान भी बढ़ जाएगा। नगरनिगम बनने के बाद प्रशासन व पुलिस का भी सहयोग अधिक मिलेगा।
3 लाख की आबादी जरूरी
शिवपुरी नगरपालिका को नगरनिगम बनाए जाने के लिए 3 लाख की आबादी होना जरूरी होता है। हालांकि शिवपुरी शहर की आबादी पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है तथा ग्रामीण क्षेत्र से सैकड़ों परिवारों ने शहर में अपना आवास बनाकर शहर का विस्तार कर दिया। लेकिन आबादी के लिए नियमानुसार जनगणना ही आधार होती है। चूंकि 2011 के बाद 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना के फेर में जनगणना नहीं हो सकी थी। इसलिए वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाकर हर साल 10 फीसदी की वृद्धिदर करने के बाद भी जब आंकड़ा पूरा नहीं हुआ तो शहर के आसपास की 42 ग्राम पंचायतों को शामिल करके आबादी 3.19 लाख हो गई।
इनका कहना है।
शिवपुरी शहर सहित आसपास की 42 ग्राम पंचायतों को शामिल करके आबादी 3.19 लाख हो गई। हमने प्रस्ताव व मैप भी तैयार करके जिलाधीश को सौंप दिया, जहां से शासन को भेजा जाएगा। पिछली बार प्रस्ताव आबादी की शर्त पूरा न होने की वजह से रिजेक्ट हुआ था।
गणेश जायसवाल, एसडीएम व कमेटी अध्यक्ष