भौंती थाना का छह घंटे चला घेराव: मूंगफली तौल विवाद से भड़के ग्रामीण, पुलिस और व्यापारी पर मिलीभगत के आरोप

शिवपुरी जिले के भौंती थाना क्षेत्र में सोमवार को किसानों और ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मूंगफली की तौल में हुई कथित गड़बड़ी से शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे पुलिस-प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में बदल गया। करीब छह घंटे तक चला यह घेराव सोमवार शाम जांच और कार्रवाई के आश्वासन के बाद खत्म हुआ।
जानकारी के मुताबिक, रैपुरा गांव के किसान रामदास लोधी ने रविवार को व्यापारी वीरेन्द्र विलैया निवासी मनपुरा को मूंगफली की फसल तुलवाने के लिए बुलाया था। तौल के दौरान प्रति बोरी का वजन 41 किलो 300 ग्राम निकला, जिससे किसान को गड़बड़ी की शंका हुई। जब दूसरी मशीन से तौल की गई तो वजन 43 किलो निकला। इस पर किसान ने व्यापारी से सवाल किया तो उसने फसल लेने से इनकार कर दिया और धमकीभरे लहजे में “देख लेने” की बात कही।
कुछ देर बाद मौके पर भौंती मंडल अध्यक्ष बसंत श्रीवास्तव और सरपंच पहुंचे। उन्होंने वाहन छोड़ने की बात कही, लेकिन जब किसान ने कार्रवाई की मांग की तो विवाद बढ़ गया। किसान का आरोप है कि व्यापारी ने पुलिस की मदद से मामला दबाने की कोशिश की और उन्हें थाने ले जाकर बदसलूकी की गई। किसान का यह भी आरोप है कि थाने में पदस्थ आरक्षक आलोक जैन ने उनका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया, वहीं थाना प्रभारी मनोज राजपूत ने भी अभद्रता की।
दूसरी ओर थाना प्रभारी मनोज राजपूत का कहना है कि किसान और उसके साथियों ने लोडिंग वाहन को कब्जे में ले लिया था। जब पुलिस गांव पहुंची तो पुलिस के साथ अभद्रता की गई थी और झूठे प्रकरण में फसाने की धमकी दी गई थी।
विवाद बढ़ने पर सुबह 10 बजे से थाने के बाहर ग्रामीणों का जमावड़ा शुरू हो गया। साढ़े 11 बजे के करीब विरोध प्रदर्शन तेज हो गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस व्यापारी का पक्ष ले रही है और किसान को प्रताड़ित कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने पिछोर क्षेत्र की पुरानी घटना का भी जिक्र किया, जिसमें दो व्यापारियों को तौल गड़बड़ी में पकड़ा गया था, लेकिन उन्होंने कथित रूप से मंदिर के नाम पर पैसे देकर मामला रफा-दफा करा लिया था।
भौंती थाना घेराव की सूचना मिलते ही एसडीओपी प्रशांत शर्मा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। उन्होंने दिनभर समझाइश का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण तब तक नहीं माने जब तक व्यापारी और आरक्षक आलोक जैन पर कार्रवाई का आश्वासन नहीं मिला।
शाम करीब 6 बजे प्रशासन द्वारा जांच कर कार्यवाही के भरोसे के बाद ग्रामीणों ने घेराव समाप्त किया। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
