6 साल की मासूम के साथ राजू ने शराब के नशे में किया RAPE: अंतिम सांस तक काटनी होगी जेल, देना होगा अर्थदंड

शिवपुरी। आज शिवपुरी में माननीय न्यायालय ने रेप के गंभीर, जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण में 6 वर्ष की नाबालिग के साथ बलात्संग करने वाले आरोपी को माननीय न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
यह सुनवाई विशेष(पॉक्सो) न्यायालय, जिला शिवपुरी के द्वारा की गई जिसमें आरोपी राजू जाटव को धारा- 5(एम)(के)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में आरोपी को आजीवन कारावास(जिसका अभिप्राय शेष प्राकृत जीवनकाल तक) एवं अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
अभियोजन के अनुसार बीते दिनांक 14 फरवरी 2024 को पीड़िता की मां ने इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध करायी कि वह थाना अंतर्गत बैराड के किसी गांव में टपरिया बनाकर अपने पति एवं पीड़िता के साथ रहती है। सुबह करीब 8 बजे वे तीनों घर पर थे तब अभियुक्त राजू जाटव उनकी टपरिया में शराब पीकर आया जिसे उसने व उसके उसके पति ने भगा दिया था, फिर करीब 9 बजे वह और उसके पति चने के खेत में दवाई छिड़कने के लिए गये थे और पीड़िता जिसकी आयु 6 वर्ष है जिसके हाथ पैर सही से काम नहीं करते है और वह बोल भी नहीं पाती है, को टपरिया पर ही छोड़कर गये थे।
शाम करीब 5 बजे जब वह और उसके पति मजदूरी करके वापस टपरिया की तरफ आ रहे थे तो टपरिया की पत्थर की बाउण्डी पर से राजू जाटव उनकी टपरिया से उतरते हुए दिखा। तब उसने राजू से पूछा कि वह उनके यहां क्या कर रहा है तो राजू वहां से भाग गया। उन्होंने टपरिया में जाकर देखा तो पीड़िता गदोली में बेहोशी की हालत में पड़ी हुयी मिली थी तथा गदोली एवं उसकी पजामी पर बहुत सारा खून लगा हुआ था और उसकी पेशाब करने वाली जगह से भी काफी खून निकल रहा था। पीड़िता ने इशारा करके बताया कि राजू ने गदोला बिछाकर उसकी पजामी निकाल कर उसके साथ गलत काम किया है।
अभियुक्त ने यह जानते हुए भी कि पीडिता के हाथ-पैर सही से काम नहीं करते हैं, उसके साथ गलत काम किया। फरियादिया/पीड़िता की मां की उक्त रिपोर्ट पर अभियुक्त के विरूद्ध प्रथमसूचना रिपोर्ट अंतर्गत धारा 376, 376के, 354सी, भा.दं.सं. एवं धारा 11/12 व 5एम/6 लैंगिक अपराधों से बालाकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत लेखबद्ध की गई। विवेचना के दौरान पीडिता के कथन लेखबद्ध किये तथा उसका मेडीकल परीक्षण कराया गया एवं अनुसंधान उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्त धाराओं के अंतर्गत अभियोग पत्र इस न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को आजीवन कारावास(जिसका अभिप्राय शेष प्राकृत जीवनकाल तक) एवं अर्थदण्ड से दंडित किया गया। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी प्रीति संत, विशेष लोक अभियोजक(पॉक्सो), जिला-शिवपुरी के द्वारा की गई।