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BAIRAD NEWS-यहां पुलिस की नाक के नीचे धड़ल्ले से बिकती है स्मैक: युवा हो रहे शिकार, बर्बाद हुए कई परिवार

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प्रिंस प्रजापति@शिवपुरी। खबर जिले के बैराड़ थाना क्षेत्र से आ रही है। जहां पुलिस की नाक के नीचे नशे का कारोबार जारी है। बैराड़ ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में नशा युवाओं की नशों में उतर चुका है और कारोबारी लगातार नशे का कारोेबार कर रहे है जिनको पुलिस का कतई भी डर नहीं है। बता दे कि बीते दिनों से बैराड़ कस्बे में मध्यम गति से नशे का कारोबार फल फूल रहा है। बैराड़ पुलिस नशेड़ियों पर कार्यवाही करने के स्थान पर धार्मिक लोगों को अपनी कार्यवाहियों का शिकार बना रही है।

बता दे कि इस नशे ने बैराड़ में अपने पैर इस तरह पसार लिए है कि लगातार शिकायतों के बाद भी प्रशासन इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। बैराड़ क्षेत्र में स्मैक का नशा इस तरह फैल चुका है कि हर गली मोहल्ले में एक न एक युवा इसका आदि मिलेगा। बता दे कि इस नशे का आदी युव​​क अपनी जिंदगी को बर्बाद तो कर ही रहा है साथ ही अपने परिवार को भी बर्बादी की कगार पर पहुंचाता है। कई परिवार बैराड़ में बर्बादी कगार पर पहुंच चुके है। लेकिन लगातार इस नशे का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है।

बैराड़ नगर में इन नशेड़ियो की बजह से अपराध भी चरम पर है। आए दिन चोरी की घटनाएं सामने आती है। बीते दिनो ठाकुरबाबा मंदिर से मशीन चोरी का मामला सामने आया था। इसके बाद पुजारी ने भी बताया था कि थाने के पीछे स्थित मंदिर के आसपास स्मैकचियों का जमाबड़ा रहता हैं। लेकिन क्या मजाल जो पुलिस प्रशासन इस ओर ध्यान दे। हालात यह है कि स्मैक के साथ साथ नशे के इंजेक्शन का भी ट्रेंड बैराड़ में जोरों पर है। यहां बता दे कि स्मैक की एक वाउचर 500 रूपए का आता है। स्मैक की लत ऐसी लत है कि कुछ परिस्थति हो बह बिना स्मैक के नहीं रह सकता। इसलिए पैसा न होने की दशा में बही स्मैकची अपराध की ओर कदम बढ़ाता है।

यहां बता दे कि पूर्व में स्मैक के नशे को रो​कने कई संगठनों और समाज के लोगों ने कई बार शिकायतें और आवेदन भी दिए है। जब स्मेक और नशे कारोबारियों के बिरूद्ध कोई कदम उठता है तो प्रशासन हरकत में आता है और छुटपुट कार्यवाही कर अपना पल्ला जड़ा लेता है। हैरानी की बात तो यह है कि गांव तो गांव बैराड़ कस्बा जहां पूरा थाना है बहां भी स्मैक का कारोबार खुलेआम चल रहा है। लेकिन बाबजूद इसके प्रशासन के कानों तक जूं तक नहीं रेंग रहें है।

बैराड़ ही नहीं गांवों में भी स्मैक का कारोबार चरम पर है पुलिस का इस और कोई ध्यान नहीं है। नवागत थाना प्रभारी के बाद बैराड़ में धीमि गति में यह कार्य जारी है। प्रशासन इस ओर कार्यवाही करने के स्थान पर नाकाम बना बैठा है। बुधवार को आयोजित शांति समीति की बैठक में भी इस मामले को प्रशासन के समक्ष रखा गया था लेकिन कोई संतुष्टजनक जबाव बहां प्रशासन की ओर से देखने को नहीं मिला। फिलहाल देखना यह है कि इस ओर प्रशासन कोई कदम उठाता है या नहीं।

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