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बैराड़ में बेधड़क बेचा जा रहा है ​मिलावटी खाद्य पदार्थ: शहर में दूध के नाम पर सफेद जहर की बिक्री,बता रही है खाद्य विभाग की बेफिक्री

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प्रिंस प्रजापति@शिवपुरी। खबर जिले के बैराड़ क्षेत्र से आ रही है। जहां नियमों को ताक पर रखकर खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं। कई रेहडियों, ढाबों व हलवाई की दुकानों पर बिना ढके ही खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं। इन पदार्थों से होने वाले नुकसान से अंजान लोग इन पदार्थों का सेवन करके बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। उधर, सेहत विभाग की ओर से भी इन विक्रेताओं के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिस कारण यह कार्रवाई सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गई है।

गौरतलब है कि बैराड़ सहित जिले के कई हिस्सों में कुछ दुकानदार दूषित खाद्य पदार्थ बेचकर मुनाफा कमा रहे है। ऐसी चीजें खाने से अक्सर लोग बीमार भी होते हैं। बिना ढके बेची जाने वाली इन चीजों पर धूल-मिट्टी पड़ती है, वहीं मक्खियों के इन पर बैठने से यह खाद्य पदार्थ बीमारी का घर बन जाते हैं। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग सिर्फ त्योहारों के समय ही खाद्य पदार्थो की चेकिग व सैंपल भरने की मुहिम चलाता है। त्योहारों के बाद विभाग निष्क्रिय हो जाता है। वहीं बाजार में समोसे, ब्रेड, गोल गप्पे, पकौड़े, लड्डू, मिठाई बिना ढके ही दुकानदार सरेआम बेच रहे हैं। प्रशासन के आदेश केवल बंद कमरों तक ही सीमित रह गया है।

त्योहारों के समय खाद्य विभाग की ओर से कमरो से बाहर निकल कर खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाती है, मगर जब यह त्योहार समाप्त हो जाते है तो उसके बाद प्रशासन के आदेश बंद कमरों तक ही सीमित होकर रह जाते है। जिसका फायदा उठाकर दुकानदार खुले में रखे हुए पदार्थ बेचकर लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जाता है।

कलेक्टर के निर्देश के बाद भी खाद्य विभाग कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर अपनी जेब भरने मे लगा है। सूत्रो की माने तो यह मिलावट का जहर खाद्य विभाग की मिलीभगत से ही जारी है। बैराड़ में प्रशासन आकर अपनी जेब भरकर क्षेत्रावासियों के स्वास्थ्य के लिए कहर बरसा रहा है। इस मिलावट के जहर को खाकर लोग कैसे स्वस्थ रह सकते है यह सेहत विभाग भलीभांति जानता है फिर भी बह बौना बनकर बैठा हुआ है।

दूध में मिलावट का धीमा जहर – कैसे बन रहा स्वास्थ्य के लिए कहर
दूध में अब पानी मिलाना पुराने दिनों की बात हो गयी है। अब दूध का व्यापार करने वाले लोग केमिकल मिलाकर अधिक मात्रा में मिलावटी दूध बनाकर बेच रहे हैं। मिलावटखोर अब यूरिया ग्लूकोज जैसे केमिकल की मिलावट कर रहे हैं। इसके अलावा दूध में निरमा, साबुन सहित अन्य जानलेवा केमिकल भी दूध में मिलाकर आपके सामने परोस रहे हैं। लगातार मिलावटी दूध पीते रहने से इंटेस्टाइन, लिवर या किडनी डैमेज हो जाती है। खासतौर पर मिलावटी दूध से बच्चों की ग्रोथ पर असर पड़ता है, उससे दूध पचाने में परेशानी होती है और पेट दर्द, डायरिया, फूड प्वाइजनिंग जैसी समस्या बच्चों में देखने को मिलती है।

कैसे तैयार हो रहा नकली दूध
जानकारों की मानें तो नकली दूध, पानी में मिल्क पाउडर मिलाकर भी बनाया जाता है इसमे मक्खन नहीं होता है चिकनाई के लिए रिफाइंड ऑयल और शैंपू का इस्तेमाल किया जाता है दूध में झाग बनाने के लिए वाशिंग पाउडर और दूध के सफेद रंग के लिए वाइट पेंट (सफेदा) मिलाया जाता है दूध में मीठापन लाने के लिए ग्लूकोज डाला जाता है इस तरह नकली दूध तैयार होता है। जोकि आप समझ सकते है यह मनुष्य के शरीर पर क्या प्रभाव ​करेगा।

मिठाई के रूप मे जहर बेचते हैं दुकानदार
शहर के दुकानदारों के द्वारा मिठाई के रूप में जहर बेचा जा रहा है। नकली दुग्ध एवं मावा से बनाई गयी मिठाईयों को खाने से लोगों को पिलिया एवं आंत की कैंसर जैसी बिमारियां होती है। कृत्रितम दुग्ध स्वास्थ के लिये हानिकारक ही नहीं, बल्की जहर के समान है। मिठाई बना कर बेचने वाले दुकानदारों द्वारा मानको का भी अनुपालन नहीं किया जाता है और मिठाई का मूल्य भी वह स्वयं निर्धारित करते हैं

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