अव्यवस्थाओं के साथ देर रात्रि पंचतत्व में विलीन अमर शर्मा: गर्भवती पत्नि बोली, पांच माह बाद मेरा शेर बापिस आएगा

शिवपुरी। सियाचिन में तैनात शिवपुरी के खौरघार निवासी जवान अमर शर्मा की माइनस 30 डिग्री तापमान में ड्यूटी करने के दौरान हार्ट अटैक आ जाने से मृत्यु हो गई थी जिनका पार्थिव शरीर शुक्रवार की रात शिवपुरी पहुंचा जहां से उनकी अंतिम यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई उनके गृह ग्राम खौरघार पहुंची।

जहां गमगीन माहौल में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सेना के वीर सपूत को अंतिम बिदाई देने के लिए शहर सहित आसपास के गांवों के लोग अंतिम संस्कार स्थल पर उमड़ पड़े जिन्होंने भारत माता की जय और अमर शर्मा अमर रहे जैसे गगनभेदी नारे लगाए। श्री शर्मा के पार्थिव शरीर को उनके छोटे भाई ने मुखाग्रि दी।

इस दौरान परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल रहा। अंतिम संस्कार से पहले अमर जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उनके पार्थिव शरीर पर लिपटे हुए तिरंगे को आर्मी के जवानों ने उनके पिता को सौंपा। सबसे दुखद बात यह रही कि अंतिम संस्कार स्थल पर प्रशासनिक और पुलिस की अव्यवस्था के कारण कई लोग अमर के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन नहीं कर सके।

यहां तक कि जवान की चिता को पर्याप्त बिजली की व्यवस्था न होने के कारण एसपी राजेश सिंह चंदेल के वाहन की लाइट जलाकर मुखाग्रि दी गई। वहीं भीड़ अधिक होने के कारण गार्ड ऑफ ऑनर देने वाले जवानों को खड़े होने तक की व्यवस्था नहीं थी इसलिए हौचपौच के बीच गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कुल मिलाकर प्रशासन और पुलिस ने मिलकर वहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की जिससे वहां पहुंचे लोग संतुष्ट हों।

गर्भवती पत्नी ने कहा- पांच माह बाद मेरा शेर वापस आएगा
फूलों से सजे आर्मी के वाहन में अमर शर्मा की पार्थिव देह जैसे ही खौरघार गांव में पहुंची वैसे ही लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा अमर तेरा नाम रहेगा जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। परिवार के सदस्यों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। माता, पिता और भाई अमर की शहादत को याद कर फफक-फफक रो रहे थे तो वहीं अमर की गर्भवती पत्नी रोते-रोते ताबूत पर गिर पड़ीं जिन्हें सेना के जवानों ने संभाला और परिजनों के सुपुर्द किया।

इस दौरान उनकी पत्नी ने चीखते हुए कहा कि मेरा शेर कहीं नहीं गया, पांच माह बाद फिर वह मेरे पास आएगा। उनकी इस बात को सुनकर हर किसी का दिल पसीज गया। अंत में अमर के भाई ने उनके नश्वर शरीर को मुखाग्रि दी और कुछ ही देर में अमर का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।

पिता ने कहा- अमर के नाम से जाना जाए गांव का नाम, कलेक्टर ने कहा ऐसा ही होगा
जिस समय अमर का पार्थिव शरीर अग्रि की लपटों के बीच घिरा था उस समय पिता की आंखों में आंसू थे और वह अपने बेटे की शहादत को याद कर उनके साथ बिताए पलों का स्मरण कर विचलित हो रहे थे उन्हें सांत्वना देने के लिए कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसपी राजेश सिंह चंदेल पहुंचे और एसपी ने व्यथित पिता को ढांढ़स बंधाते हुए अपने सीने से लगा लिया।

इस दौरान अमर के पिता ने हाथ जोड़कर कलेक्टर से अनुरोध किया कि उसके परिवार का भरण पोषण करने वाला अब इस दुनिया में नहीं रहा अब वह किसके सहारे जीएगा इसलिए मेरे छोटे बेटे को शासकीय नौकरी दिलाई जाए और खरई गांव का नाम अमर के नाम पर रखा जाए जिसे अमर खरई के नाम से लोग जानें।

अमर के पिता की इस मांग पर कलेक्टर ने जनपद अध्यक्ष के पति रघुवीर रावत से प्रस्ताव बनाने के लिए कहा वहीं मौके पर सरपंच को बुलाकर नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। वहीं परिवार के एक सदस्य को नौकरी और शासन से मिलने वाली सहायता दिलाने की मांग पर कहा कि वह प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज देंगे। यह प्रक्रिया शासन स्तर पर ही होनी है।

जिस स्थान पर हुआ अंतिम संस्कार वहां बनेगा शहीद पार्क
भारतीय पूर्व सैनिक संगठन इंडियन वेटरन ऑर्गेनाइजेशन के जिलाध्यक्ष रिटायर्ड कैप्टन सीपी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शिवपुरी जिले में इंडियन आर्मी का यह पहला जवान है जिसने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई है। इंडियन आर्मी ही देश की आर्मी है बांकी फोर्स केन्द्रीय एजेन्सियों में आती हैं इसलिए शिवपुरीवासियों को अमर शर्मा की शहादत को हमेशा अपने मन में सजोकर रखें।

इसलिए जवान की अंत्येष्टि के लिए खौरघार में तीन बीघा सरकारी जमीन चयनित की गई थी जिस पर अमर की अंत्येष्टि की गई है यह भूमि इतनी पवित्र हो गई है कि अब इस पर शहीद पार्क का निर्माण कराया जाएगा जिससे अमर हमेशा लोगों को दिलों में अमर रहेगा।

गांव में मातम, लेकिन मंत्रीजी चिता के पास खड़े होकर लगा रहे थे ठहाके
जिस समय अमर की पार्थिव देह खौरघार गांव पहुंची उससे पूर्व पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री और पोहरी विधायक सुरेश राठखेड़ा अपने समर्थकों के साथ अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचे जहां उन्हें देखकर उनके अन्य समर्थकों ने भी उन्हें घेर लिया और राजनैतिक चर्चाएं शुरू हो गईं। जिस समय वहां मौजूद हर व्यक्ति नम आंखों से जवान की शहादत को लेकर आंसू बहा रहा था वहीं मंत्री जी सजाई गई चिता के पास खड़े होकर समर्थकों के साथ हंसी ठिठुली कर ठहाके मार रहे थे।

जल संसाधन मंत्री और उद्यानिकी मंत्री ने वीर सपूत अमर शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की
शिवपुरी जिले के रहने वाले वीर सपूत अमर शर्मा जो सियाचिन में अपनी ड्यूटी पर पदस्थ थे। ड्यूटी के दौरान उनकी वहाँ मृत्यु हो गयी। शुक्रवार की शाम को लद्दाख से उनका पार्थिव शरीर शिवपुरी लाया गया। जहाँ प्रदेश सरकार की ओर से जल संसाधन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण एवं नर्मदा घाटी विकास विभाग राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह ने अमर शहीद अमर शर्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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