गोविंद सिंह राजपूत ने लिखी थी हरिवल्लभ शुक्ला को भाजपा में लाने की पटकथा,पढिए परत दर परत क्या हुआ…..

शिवपुरी। आज शिवपुरी में कांग्रेस को बडा झटका लगा है। आज कांग्रेस के दिग्गज नेता और 2 बार के पूर्व विधायक सहित ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनाव में कडी टक्कर देने बाले कांग्रेसी नेता हरिवल्लभ शुक्ला ने आज कांग्रेस का दामन छोड भाजपा की सदस्यता ली है। हरिवल्लभ शुक्ला के कांग्रेस को छोडकर भाजपा में जाने की पढकथा आज नहीं लिखी गई बल्कि 16 अप्रैल से शुरू हुई। इस पटकथा के नायक बनकर सामने आए है भाजपा के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत।

ऐसे लिखी गई पूरी पटकथा
दरअसल बीते दिनों हरिवल्लभ शुक्ला जी के भतीजे का बीमारी के चलते निधन हो गया था। जिसके चलते उनके घर शोक संवेदना व्यक्त करने कांग्रेस के दिग्गज नेता पहुंच रहे थे। इसी बीच शिवपुरी में रोड शो कर अपना फार्म भरने पूर्व मुख्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पहुंचे सीएम मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिवपुरी आए थे। यहां सिंधिया समर्थक लगभग 6 मंत्री भी उपस्थिति रहे। जहां भाजपा ने उनके मंत्रीयों को टास्क दिया कि उन्हें कैसे भी करके कांग्रेस को कमजोर करना है।
इसी पटकथा के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया सबसे पहले कांग्रेस के नेता बीरेन्द्र रघुवंशी के यहां शादी में शामिल होने पहुंचे। जिसे लेकर कयास लगाए जाने लगे कि वीरेन्द्र रघुवंशी जल्द भाजपा में फिर से शामिल हो जाएगें। परंतु इसी बीच बीरेन्द्र रघुवंशी अपने बेटे सूरज की शादी में व्यस्थ रहे।
इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने मंत्रीयों को टास्क दिया कि ब्राह्मण समाज को पूरी तरह से अपने साथ लेना है। इसी के चलते उन्होंने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को टास्क दिया कि पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला जी को भाजपा में लाना है। जिसके चलते गोविंद सिंह राजपूत उनके निवास पर शोक संवेदना के नाम पर पहुंचे। जहां उन्होंने शोक संवेदना व्यक्त की।
उसके बाद गोविंद सिंह राजपूत अपने शुक्ला जी को लेकर सिंधिया जी के पास पहुंचे। जहां उन्होंने शुक्लाजी को सिंधिया के सामने गुप्त में मुलाकात की और उसके बाद तय हुआ कि वह भाजपा का दामन थामने तैयार है। जिसके चलते उन्होंने सीएम मोहन यादव के समक्ष आज भाजपा की सदस्यता ले ली है। उनके साथ साथ उनके बेटे आलोक शुक्ला ने भी कांग्रेस छोड़ दी है। आलोक जिला उपाध्यक्ष थे।

सिंधिया को चुनाव में कडी टक्कर दे चुके है शुक्ला जी
गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिता माधवराव सिंधिया के देहांत के बाद उनकी पारंपरिक गुना सीट से 2002 में उपचुनाव लड़ा और लोकसभा पहुंचे। 2004 में भी उन्होंने इसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। तब भाजपा की तरफ से हरि वल्लभ शुक्ला उनके सामने थे। सिंधिया शुक्ला से महज 86 हजार वोटों से जीत सके थे। सिंधिया जी की अगर बात करें तो अगर केपी यादव बाले चुनाव को छोड दे तो आज तक के इतिहास में इतनी कडी टक्कर कोई अन्य प्रत्याशी आज तक उन्हें नहीं दे सका है। इसी जनाधार के आधार पर भाजपा उनके भाजपा में ज्योईन करने को लेकर बडी सफलता मान रही है।