पुलिस की जांच में खुलासा: कोटा में तीन दिन दूसरे हॉस्टल में रही थी काव्या धाकड, 10 दिन में भी काव्या को नहीं खोज पाई पुलिस

शिवपुरी। बीते 18 मार्च को कोटा से काव्या के अपहरण के मामले में पुलिस भले ही रोज नए सबूत मीडिया को उपलब्ध करा रही है। परंतु इस अपहरण की कथित स्टोरी के 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक काव्या और उसके कथित बीएफ को पकडने में नाकाम रही है। पुलिस इस मामले में रोज एक नया सबूत तो पेश कर दाबा कर रही है कि काव्या का अपहरण नहीं हुआ है। परंतु इसने हाईप्रोफाईल मामला होने के बाद पुलिस अभी तक इस मामले में काव्या को खोजने में नाकाम रही है।
इस मामले में कोटा पुलिस ने नया दावा किया है कि काव्या धाकड कोटा में महज 3 दिन ही कोटा में रही थी। कोटा पुलिस का दाबा है कि परिजन जिस हॉस्टल का नाम ले रहे थे उसमें छात्रा नहीं पहुंची। बल्कि एक दूसरे हॉस्टल में तीन दिन तक रही। उसके बाद उसने अपनी मां से बात कराकर इस हॉस्टल को खाली कर दिया था।

कथित अपहरण की स्टोरी से पर्दा उठाने के लिए काव्या को लाना होगा सामने
यहां बता दे कि बीते 18 मार्च से गायब शिवपुरी के बैराड की काव्या पुत्री रघुवीर धाकड उम्र 20 साल के अपहरण के फोटो पिता के मोबाईल पर भेजे गए थे। जिसमें बेटी को छोडने के एवज में 30 लाख रूपए की फिरौती मांगी थी। इस मामले में पिता रघुवीर धाकड की शिकायत पर कोटा के विज्ञान नगर थाना पुलिस ने अपहरण की धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया था।
इंदौर में मिली लोकेशन
क्राईम ब्रांच इंदौर के अनुसार छात्रा काव्या धाकड और उसके कथित बीएफ हर्षित की लोकेशन लगातार इंदौर में ही रही है। बीते 19 मार्च का भी क्राईम ब्रांच ने एक सीसीटीव्ही फुटैज जारी किया है। जिसमें काव्या हर्षित के साथ एक घर से निकलते हुए दिखाई दे रही है। इस मामले में पुलिस का दाबा है कि यह अपहरण की कहानी खुद काव्या धाकड ने रची है। परंतु इस मामले में काव्या के पिता का दाबा भी कुछ हद तक सही है कि अपहरण की कहानी तो ठीक है। परंतु काव्या को पुलिस खोज क्यों नहीं पा रही है।
परिजनों ने दूसरे हॉस्टल का नाम लिया,दूसरे हॉस्टल में 3 दिन रही थी काव्या
इस मामले में कोटा पुलिस को परिजनों ने बताया कि काव्या कोटा में फिजिक्सबाला के यहां नीट की तैयारी करने गई थी। इसके साथ ही वह पास में ही स्थिति पारस हॉस्टल में रह रही थी। जिसपर से पुलिस ने जब छानवीन की तो सामने आया कि न तो वह फिजिक्सबाला के यहां एडमीशन लेने पहुंची और न ही पारस हॉस्टल में एक भी दिन रूकी। इस मामले में पुलिस का दाबा है कि काव्या कोटा में पारस हॉस्टल में न रूकते हुए दूसरे हॉस्टल में महज तीन दिन रही थी।

इस हॉस्टल के रजिस्टर में काव्या की तीन दिन की एन्ट्री भी है। हॉस्टल संचालक ने बताया है कि काव्या अपनी मां और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ 3 अगस्त को उनके हॉस्टल में आई थी। तीन दिन बाद काव्या ने उससे कहा कि उसे यह हॉस्टल समझ नहीं आ रहा है। यहां खाना भी ठीक नहीं है। जिसके चलते वह हॉस्टल बदलना चाहती है। परंतु हॉस्टल संचालक ने उसे नहीं जाने दिया। जिसपर से काव्या ने हॉस्टल संचालक की मां से बात कराई थी। तब 6 अगस्त को हॉस्टल संचालक ने उसे जाने दिया।
पुलिस का दाबा: कोटा आने से पहले इंदौर में ही रहती थी काव्या,पिता को बीएफ हर्षित का पता चला तो कोटा भेज दिया था
इस मामले में कोटा और इंदौर पुलिस का दाबा है कि काव्या इंदौर में रहकर ही नीट की तैयारी कर रही थी। इस दौरान उसकी दोस्ती हर्षित से हो गई थी। इस दौरान काव्या का इंदौर में विबाद हो गया था। जिसके चलते हर्षित और काव्या की कहानी पिता को पता चल गई थी। जिसके चलते पिता ने काव्या को बापस बैराड बुला लिया। परंतु बैराड में काव्या ने मां बाप का भरौसा जीत लिया और मां बाप को बताया कि उसकी लाईफ खराब हो जाएगी। वह इतने दिनों से तैयारी कर रही है और अब वह आगे की तैयारी के लिए इंदौर न जाते हुए कोटा चली जाएगी तो वहां से तैयारी करके वह नीट का एक्जाम निकाल लेगी।
दोस्त ने पुलिस से किया दाबा कि अपहरण की कहानी फैक,खुद ही रची है अपहरण की कहानी
इस मामले में मोड तो उस समय आया जब पुलिस काव्या को तलाश कर रही थी। एक तरफ कोटा पुलिस तलाश कर रही थी। दूसरी और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले को लेकर राजस्थान के सीएम से बात की। तो यह मामला हाईप्रोफाईल हो गया। यह मामला हाईप्रोफाईल हुआ और मीडिया में सुर्खियों में रहा तो इस घटना मे काव्या का साथ देने बाले उसके दोस्त बृजेन्द्र ने अपने बचाब के लिए पुलिस की शरण लेना ठीक समझा।
इंदौर डीजीपी राजेश दंडौतिया ने बताया कि इस मामले को लेकर उनका दोस्त बृजेन्द्र सीधा थाने जा पहुंचा और उसने पुलिस को बताया कि यह मामला पूरी तरह से फर्जी है। छात्रा खुद ही अपनी मर्जी से अपने बीएफ हर्षित के साथ गई है। साथ ही बृजेन्द्र पुलिस को उस किचिन तक लेकर पहुंचा जहां से छात्रा के हाथ पैर बंधे फोटो खींचे गए थे। इस मामले में पुलिस को एक सीसीटीव्ही फुटैज भी हाथ लगा। जिसमें काव्या अपने बीएफ हर्षित के साथ पीछ पर बैंग टांगकर घर से निकलते हुए दिखाई दे रही है। यह वीडियों भी 19 मार्च का बताया जा रहा है।
मोबाईल बंद: लोकेशन नही हो रही ट्रेश,पुलिस बोली एमपी से बाहर चले गए है दोनों
इस मामले में काव्या के पिता ने पुलिस की सभी बातें स्वीकार कर ली है। परंतु पिता का आरोप है कि जो बातें सामने आ रही है वह सब तो ठीक है परंतु पुलिस को सभी सबूत मिल रहे है। 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बेटी क्यों नहीं मिल रही यह समझ से परे है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि दोनोंं ने बडी ही सफाई के साथ अपने अपने मोबाईल बंद कर रखे है। जिसके चलते उनकी लोकेशन नहीं मिल पा रही है। पुलिस का कहना है कि अब ऐसा लग रहा है कि वह एमपी को छोडकर किसी अन्य राज्य में चले गए है। जिसके चलते उन्हें नहीं खोजा जा पा रहा है।
