सनातन धर्म छोड़कर बौद्ध बने जाटव समाज और अन्य के बीच प्रशासन ने कराया समझौता: गलतफहमी से बिगड़ा माहौल, गले लगाकर किया राजीनामा

शिवपुरी। खबर जिले के करैरा अनुविभाग के बहंगवा से है। जहां बीते दिनों गांव में करीब 45 परिवारों ने सामूहिक रूप से सनातन धर्म छोड़ कर बौद्ध धर्म अपना लिया था। विवाद की शुरुवात भागवत कथा के भंडारे में जूंठी पत्तल उठाने को लेकर हुई थी। इसके बाद जाटव समाज और गांव के अन्य समाज के बीच मामला बिगड़ गया था।

इसके बाद जाटव समाज के 45 परिवारों ने 1 जनवरी को बोध धर्म अपना लिया था। इसके बाद गांव का माहौल भी बिगड़ता जा रहा था। लेकिन प्रशासन ने आगामी कोई तनाव पूर्ण स्थति न बने इसके लिए मध्यस्था करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा था।

इसके दौरान बीते रोज नरवर तहसीलदार अमित दुबे और उनि सुनील राजपूत थाना प्रभारी सीहोर, उनि अमित चतुर्वेदी थाना प्रभारी अमोला ने थाना परिसर सीहोर में दोनों पक्षों के लोगों से पहले अलग अलग चर्चा की गई। इसके बाद निर्णय में सामने आया कि दोनो पक्षों के बीच जो गलत फहमी उत्पन्न हुई जिसके कारण उक्त विवाद उत्पन्न हुआ उसका आपसी सामंजस्य से दोनों पक्षों मे राजीनामा कराया गया और भविष्य मे दोनों पक्षों के एक-दूसरे के काज शादी विवाह व त्योहार मे हंसी खुशी हिस्सा लेंगे।

गांव के सभी समाज के लोगों से गांव के अन्य समाज के लोगों को बराबर का मान सम्मान दिया जाएगा। गांव मे पूर्व की भांति गांव के सभी समाज के लोग आपसी भाईचारे व सौहार्द के साथ रहेंगे और किसी का किसी से किसी भी प्रकार का कोई विवाद नहीं है।

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