गौ हत्या का दोष: मुंडन कराकर गांगाजी ले आया, मंदिर के लिए दान भी दिया, गांव ने हुक्का पानी बंद कर दिया, घर में आग लगा दी

शिवपुरी। एक तरफ तो हम दावा कर रहे है कि भारत चांद पर पहुंच गया है। दूसरी ओर समाज में व्याप्त इन कुरीतियों से एक परिवार पूरी तरह से तहस नहस हो गया है। जिसमें एक बछड़े की मौत को लेकर गांव के लोगों ने एक परिवार के घर में आग लगा दी। इस आगजानी की घटना में 3 भैसों की जलकर मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार मनोज झा पुत्र हलकुराम झा निवासी नदनवारा खनियाधाना के यहां गाय का एक बछड़ा था। इस बछड़े के आतंक से गांव के लोग परेशान थे। यह बछड़ा लोगों की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा रहा था जिससे गांव के लोग रोज शिकायत करने आते और मनोज से लड़ाई पर उतारू हो जाते। इस रोज रोज के विवाद से परेशान होकर मनोज ने इस बछड़े को जंगल छोड़ने का निर्णय लिया और वह इस बछड़े को अपने ट्रेक्टर ट्रॉली में लेकर जंगल में छोड़ने ले जा रहा था।

तभी यह बछड़ा ट्रॉली में से कूद गया और यह ट्रॉली के पहिए के नीचे आ गया। जिससे इस बछड़े की मौत हो गई। यह बाद गांव के लोगों ने देखी तो मनोज को गौ हत्या का दोषी मान लिया। बस फिर क्या था मनोज का हुक्का पानी, यहां तक कि उसे गांव में हेंडपंप से पानी तक नहीं भरने दिया जा रहा था। जिसके चलते मनोज को लेकर पंचायत बुलाई। यह पंचायत में निर्णय निकला कि यह घटना गौ हत्या है। इससे गांव में अगर फिर से बैठना है तो पहले तो गंगाजी जाना होगा उसके बाद वहां मुंडनकरा कर यहां गांव में कार्यक्रम करना होगा।

जिसके चलते मनोज गंगाजी गया और वहां से यह मुंडन कराकर गंगाजी लेकर आ गया। मंदिर पर 17 हजार रुपए का दंड दे आया। उसके बाद आज गांव में अंखंड रामायण का पाठ और कन्याभोज की तैयारी में था। परंतु तभी मनोज के ताऊ के बच्चे हैंडपंप पर पानी भरने चले गए। जिसके चलते बच्चों के इस निर्णय को समाज के खिलाफ जाना मानकर गांव के लोगों ने पहले तो इस परिवार की लाइट काट दी और उसके बाद इस परिवार की एक झोपड़ी में आग लगा दी। इस घटना में झोपड़ी धू धू कर जल गई और इसमें बंधी 3 भैंस जल गई। इस घटना को लेकर पीड़ित युवक ने अब एक वीडियो वायरल किया है।

पीड़ित के साथ इस प्रकार की दुदर्शा करना आज के समय में कहा का न्यायोचित है, यह तो भगवान ही जाने। लेकिन जब मनोज ने गांव के लोगों की बात भी मान ली तो फिर इस प्रकार उसके जीवन जीने ​के संसाधनों का नष्ट कर देना। यह कैसा न्याय है ये तो समझ से परे है।

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