क्या ऐसी है किसान हितैसी सरकार: बेमौसम बारिश से नुकसान का सर्वे तो दूर अब तक प्रारंभिक आकलन तक नही कर पाया प्रशासन

शिवपुरी। अपने शिवपुरी जिले का कोई धनी धोरी नही है, इसका जीता जागता उदाहरण यहां देखने को मिलता है। यहां अधिकारी, नेता सभी को जिले में दौरे पर आते मंत्रियों की वीआईपी ड्यूटी ओर चापलूसी तो दिखती है परंतु किसान हितैसी सरकार का दावा करने बाली भाजपा का किसानों से कितना प्रेम है यह आप देख सकते है। इस माह बे मौसम हुई बारिश ने किसान की फसल पूरी तरह बर्बाद कर दी। परंतु किसी को इसकी चिंता नही है।

बीते दिनों जिले में हुई बेमौसम बारिश ने खेतों में खड़ी फसल को पूरी तरह तवाह करके रख दिया है। अन्नदाता के आंसू निकल आए है क्योंकि दीवाली से पहले आसमानी आफत ने उसका दीवाला निकाल दिया है, जिससे वह कर्ज के बोझ से दबा हुआ है।

किसान के खेत में फसल खड़ी रहती है तो उम्मीद होती है कि वह फसल बिकने पर न सिर्फ साहूकार का कर्ज चुका देंगे बल्कि किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण भी कर लेगा। परंतु जिले में हुई इस आफत की बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

प्रकृति का तो ठीक है परंतु एक और मध्यप्रदेश में मामा शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार को किसान हितैसी सरकार बताते है और उनकी सरकार में किसानों की क्या हालत है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बेमौसम बारिश को एक सप्ताह बीत गया। परंतु आज दिनांक तक सर्वे तो दूर प्रशासन इस नुकसान का आंकलन भी नही कर सका।

अब सबाल उठता है कि ऐसे में किसानों के नुकसान की भरपाई कैसे होगी। शिवपुरी में किसानों के हंगामे के उपरांत दो दिन पहले कलेक्टर ने सर्वे के आदेश तो कर दिए हैं, लेकिन पटवारी अभी तक खेतों नहीं पहुंचे हैं। अब किसानों का कहना है कि बारिश ने एक फसल तो बर्बाद कर दी। परंतु अब इस बारिश होने के बाद इन खेतों में नमी है तो सरसो चना की फसल की बोनी करनी है। परंतु नुकसान का आंकलन नही होने से किसान परेशान है।

जब इस संबंध में जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि अभी तो कलेक्टर साहब ने सर्वे के आदेश जारी किए है। सर्वे होने में करीब सप्ताह भर का समय लगेंगे ही। अब सबाल यह है कि जिन्होंने खेत जोत दिए उनके नुकसान का आंकलन कैसे होगा?

इस संबंध में उप संचालक कृषि यूएस तोमर को यह जानकारी नही है कि कहा कितना नुकसान हुआ है

यह विचारणीय पहलू यह है कि जिन किसानों ने अपनी बर्बाद फसल को खेतों में ही नष्ट कर अगली फसल के लिए जोत दिया। उन किसानों के नुकसान का आंकलन कैसे होगा किसान पटवारी की वाट जोनते जोहते थक गए, लेकिन अभी तक पटवारी खेतों तक नही पहुँच सके है।

इसकी सरकार फिर भी इनकी सुनवाई नही
जिले में खास बात यह है कि फसल के नुकसान को लेकर सांसद केपी यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव और कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हरबीर रघुवंशी ने प्रशासन को पत्र लिखा। तब कही जाकर दो दिन पहले कलेक्टर ने सर्वे के आदेश पटवारियों को दिए हैं। यह सर्वे घरातल पर जिस तरह से हो रहा है इसके संबंध में कुछ भी कहना संभव नही है।

Advertisement

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *