जिले में 170 गौंवश में लंपी के लक्षण, 22 दिन में एक भी रिपोर्ट नहीं आ सकी

शिवपुरी। जिले के पडौसी राज्य में लंबी बायरस से मचे हाहाकार के बाद शिवपुरी के पशुपालक चिंता में आ गए थे। जिले के अलग अलग स्थानों पर लगभग 170 गौंवश में लंबी स्किन रोग के लक्षण पाए गए। इनके सेम्पल भी पशु विभाग के अधिकारीयों ने लेकर भोपाल भेजे। परंतु इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह निकलकर सामने आई कि आज 22 दिन बीत जाने के बाद भी यह विभाग इनकी जांच रिपोर्ट भी स्पष्ट नहीं कर सका है।
हांलाकि ऐसा नही है कि शिवपुरी में पशुपालक विभाग भी इसे रोकने के लिए भरकस प्रयास में जुटा हुआ है। लगातार पशुपालन विभाग गांव-गांव जाकर टीकाकरण कर रहा है। साथ ही ग्रामीणों को भी जागरूक करने में जुटा है। जिले में अभी तक लम्पी वायरस की पुष्टि नहीं हो सकी। जिले में जिस भी गांव से संक्रमित गाय के होने की सूचना पशुपालन विभाग को मिलती है। तो टीम मौके पर पहुँचकर उक्त पशु को अन्य पशुओं से दूर कर उसका टीकाकरण कर देते हैं।
शिवपुरी में लंपी वायरस की पुष्टि नहीं हो सकी है। इसकी मुख्य वजह है 18 सितंबर को पशुपालन विभाग ने शिवपुरी से पांच संक्रमित पशुओं के सेम्पल भोपाल लैब में जांच के लिए भेजे थे, लेकिन अभी तक भोपाल भेजी गई जांच रिपोर्ट नहीं आई। यह वजह है कि अभी भी शिवपुरी में लंपी वायरस की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। बावजूद इसके पशुपालन विभाग लगातार लंपी वायरस के बचाव के प्रयासों में जुटा है।
पशुपालन विभाग से उपसंचालक गिर्राज तिवारी ने जानकारी देते बताया कि जिले में गाय की जनसंख्या लगभग तीन लाख है। शिवपुरी में जिन क्षेत्रों में गायों में लंपी के लक्षण पाए गए हैं, उस क्षेत्र में गाय की संख्या लगभग एक लाख है। जिले के लगभग 156 गावों की लगभग 314 गाय में वायरस के लक्षण देखे गए थे। जिनमें से 144 गाय इलाज के बाद ठीक भी हुई हैं। जिले में अब भी 170 पशुओं में लंपी के लक्षण देखे गए हैं।
जिन पर नजर रखी जा रही है। डॉ. गिर्राज तिवारी का कहना है कि लैब भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। रिपोर्ट आने के बाद ही लंंपी वायरस की पुष्टि हो सकेगी। जिले में अब तक 21,441 टीके लंपी के लक्षण वाले पशुओं को लगाए जा चुके हैं। जिले में टीकाकरण का काम निरंतर जारी है।
