शिवपुरी में 108 खुद बेंटिलेटर पर, व्यबस्था को खुद उपचार की जरूरत,मरीज बेहाल, आधी एम्बुलेंस ऑफ रोड

शिवपुरी। मध्यप्रदेश शासन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जरूरत मंद और स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए पूरे मध्यप्रदेश में 108 एम्ब्युलेंस का शुभारंभ किया। यह योजना काफी हद तक सफल रही परंतु जैसे जैसे समय बीतता गया यह ब्यवस्था भी बेंटिलेटर पर आ गई।
यह व्यवस्था महज इस लिए प्रारंभ की थी कि जिले के सुदूर गांव में रहने वाले लोगों को अस्पताल तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो इसके लिए शासन ने सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त एंबुलेंस न होने के चलते 108 एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाई है।
लेकिन जिले में यह सुविधा चारों खाने चित्त पड़ी हुई है। पिछले कुछ महीनों से तो हालात यह हो गए हैं कि अक्सर मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच रही है। इसका कारण जानने के लिए जब पड़ताल शुरू की तो पता चला कि जिले में कई एंबुलेंस के तो टायर खराब हो गए हैं।
इस कारण एंबुलेंस के टायर थम गए हैं। ऐसे में मरीजों को समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
विदित हो कि कि मप्र में एंबुलेंस का ठेका जयेश प्रोजेक्ट प्रायवेट जिमिटेड को दिया गया है। कंपनी की जिले में 50 से अधिक एंबुलेंस संचालित हैं। इनमें से अधिकतर में आए दिन कोई न कोई खामी सामने आ रही है, इस कारण यह किसी भी काल पर समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं। यही कारण है कि कई लोगों की तो एंबुलेंस के इंतजार में मौत तक हो चुकी हैं, इनमें कोलारस क्षेत्र में एक प्रसूता की मौत का मामला भी शामिल है।
लगातार सामने आ रही इस तरह की घटनाओं के चलते जब जानकारी जुटाई तो विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि ज्यादातार एंबुलेंस में खामियां होने के कारण एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं। वर्तमान में खनियाधाना, पोहरी, नरवर सहित कई अन्य एंबुलेंस टायर खराब होने के कारण पिछले दस दिन से अधिक समय से ऑफ रोड हैं।
ऐसे में इन क्षेत्रों के मरीजों को तो समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है, वहीं दूसरी ओर इन क्षेत्रों में दूसरे क्षेत्रों से एंबुलेंस पहुंचने के कारण उन क्षेत्रों कंपनी के जिला प्रबंधक प्रतीक सिसौदिया से बात की गई तो उनका कहना था कि मैंने कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया है। ऐसे में मुझे जानकारी नहीं है। उनके अनुसार वह अभी चार्ज ले रहे हैं, चार्ज लेने के बाद ही कुछ बता पाएंगे।
कंपनी द्वारा एंबुलेंस के टायर बदलवाए जाने के कारण वहां पर अन्य क्षेत्रों की एंबुलेंस मरीज को अटैंड करने के लिए भेजी जा रही है। ऐसे में एंबुलेंस को मरीज तक पहुंचने और फिर वहां से अस्पताल तक पहुंचने के लिए दोगुनी दूरी तय करनी पड़ रही है। ऐसे में दूरी बढ़ने के कारण एंबुलेंस की कंपनी को अधिक भुगतान करना पड़ रहा है। इससे शासनक की गुल्ल को भी चपत लग रही है। कुल मिलाकर एंबुलेंस के कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक और जहां आम जनता में शासन की इस सेवा के प्रति छवि खराब हो रही है वहाँ शासन को के मरीजों को भी समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पा रही हैं।
जहां से एंबुलेंस इन क्षेत्रों में मरीज के काल को अटेंड करने के लिए भेजी जाती हैं। इस दौरान कई बार ऐसा होता है की जिस मरीज के कॉल पर एंबुलेंस पहुंचती है वह मरीज एंबुलेंस पहुंचने से पहले ही अपने भी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। साधन से अस्पताल तक पहुंच चुका होता. है।
सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में कई बार कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों को बताया जा चुका है लेकिन उनके द्वारा एंबुलेंस के टायर बदलवाने सहित अन्य खामियों को सुधारवाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया लापरवाही के चलते बदलवा दिया है। जा रहा है।
