बिना नाम लिए रांठखेड़ा पर बरसे नरेन्द्र विरथरे: बोले टाईगर अभी जिंदा है

शिवपुरी। जिले की पांचो विधानसभाओं में इस समय नेताओं का उल्ट फेर जारी है। इसी क्रम में पोहरी से पूर्व विधायक और राज्य मंत्री दर्जा नरेन्द्र विरथरे ने अपने समर्थकों के साथ परामर्श बैठक का आयोजन रविवार को शहर के नक्षत्र गार्डन में रखा। जहां विरथरे ने अपने सहयोगियों से परामर्श लिया और समर्थकों ने भी जी और जान से सहयोग करने की बात बैठक में कही।
इस दौरान श्री विरथरे ने समर्थकों से टिकिेट की मांग करने पर भी परामर्श लिया। कहा कि में पहले भी पोहरी की जनता के हर सुख—दुख में साथ रहा और विधायक न रहकर भी आपके साथ पारिवरिेक जुड़ा रहा। अब भी में पोहरी से चुनाव लड़ना चाहता हूं। टिकिट की मांग कर रहे है। आप सब से सहयोग की अपेक्षा के साथ आपका परामर्श लेना उचित समझा। जिस पर से समर्थकों ने जोरों सोरों से चुनाव लडने की बात कही और सहयोग करने की बात कही। इस दौरान नरेन्द्र विरथरे पोहरी से बर्तमान विधायक राज्यमंत्री सुरेश रांठखेड़ा पर जमकर बरसे।
बर्तमान विधायक पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें जातिबाद से कोई मतलब नहीें है। पोहरी में आज धाकड़ समाज भी पूरा खुश नहीं है। गरीब और पिछड़ा किसान आज भी दुखी है। कोई समाज बुरा नहीं है लेकिन समाज की छवि उस समाज का नेता ही बनाता है। मे सामाजिक समरसता के साथ कार्य करता हू जिस बजह से आज हर समाज के लोग मेरे साथ है। यही मेरी पूंजी है।
उन्हानें कहा कि मेरा उद्देश्य केवल पोहरी विधानसभा की एक एक जनता का मान सम्मान बना रहे। किसी गरीब को दबा कुचला न समझा जाए। 1998 में कांग्रेस की सरकार में अत्याचार हो रहे थे तब वहां के लोगों ने मुझसे अपेक्षा रखी तो में उनके साथ खड़ा रहा। आज भी पोहरी में मेरी परिवार रुपी जनता उसी अत्याचार को सहन कर रही है। जिसे में नहीें देख सकता। पोहरी में नेता नहीं रहा परिवार का सदस्य बनके रहा हू ओर पोहरी की जनता ने भी मुझे विधायक, नेता और मंत्री नहीं समझा। मेरी पूंजी केवल आप लोग ही है।
पोहरी विधानसभा की तस्वीर बदलने की हम पूरी कोशिश करेंगे। भाजपा के नेताओ से भी बात करना पड़ी तो करेंगे। नरेन्द्र सिंह तोमर जी और हमने एक मोटरसाईकिल पर ही तो काम किया हैै। वह हमारे साथ के ही तो नेता है। वीडी शर्मा जी से भी बात करना पड़ी तो वह भी करेंगे।
बता दें किे विरथरे की 3 तारीख की बैठक की घोषणा के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह भी भाजपा से इस्तीफा दे सकते है। लेकिन आज की परामर्श बैठक के बाद इतना तय माना जा सकता है। कि वह चुनाव लड़ेंगे भले ही टिकिट मिले या न मिले। अब आगे देखना है कि यह राजनैतिक माहौल कहां तक जाता है।
