भ्रष्टाचार का गढ बनता जा रहा है शिवपुरी,अस्पताल के सॉफ्टवेयर हो गया 60 लाख का फर्जी भुगतान

शिवपुरी। बीते कुछ बर्षो से शिवपुरी जिला भ्रष्टाचार का गढ बना हुआ है। यहां खुलेआम जिम्मेदारों की नाक के नीचे करोडों रूपए का भ्रष्टाचार जारी है। कोलारस में एक भ्रत्य ने पूरी सहकारिता विभाग को ही कंगाल कर दिया और अकेले एक भृत्य ने महज 100 करोड रूपए की राशि आहरित कर डाली। इसी बीच शिवपुरी जनपद पंचायत में एक डाटा एन्ट्री आॅपरेटर ने संबंल योजना में धांधली करते हुए लाखों रूपए साफ कर दिए। इतना ही नहीं इन फर्जीबाडे के रूपयों से उक्त आरोपी ऐश की जिंदगी जीते हुए दिख रहे थे। इसी बीच अब एक बडा फर्जीबाडा जिले के पिछोर से सामने आया है। जहां सामुदायिक अस्पताल के आॅपरेटर फजल अहमद ने एक आशा कार्यकर्ता के खाते में एक के बाद एक अनेक खातों के ​जरिए 60 लाख रूपए की राशि भेज दी।

इस मामले में संविदाकर्मी डाटा एंट्री ऑपरेटर ने एक ही आशा कार्यकर्ता के नाम जोडकर अलग अलग 48 बैंक खातों में लगभग 60 लाख रूपए का भुगतान कर डाला। इस मामले को भोपाल की टीम ने पकडा और अब इस डाटा एन्ट्री आॅपरेटर पर सिकंजा कसा जा रहा है। बताया जा रहा है कि शिवपुरी सीएमएचओं ने उक्त संविदाकर्मी को नियमों को ताक पर रखकर जबरन अकाउंटेंट का चार्ज सौंप रखा था। इसका फायदा उठाकर उक्त आॅपरेटर ने इस घोटाले को अंजाम दिया है।

सूत्रों द्धारा बताया गया है कि यह पूरे घोटाले को भोपाल की टीम ने पकडा था। जिसमें सामने आया कि डाटा एन्ट्री आपरेटर फजल अहमद ने मार्च क्लोजिंग के चलते 30 मार्च 2023 को 48 अलग अलग खातों में यह राशि ट्रासंफर कर दी। इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि यह मामला पकडे जाने के बाद विभाग के जिम्मेदारों ने इस पर एफआईआर न कराते हुए इसे पिछोर से करैरा ट्रासंफर कर दिया।

इस मामले में सबसे अहम बात यह भी है कि इस संविदाकर्मी को तत्कालीन सीएमएचओं ने वित्तीय प्रभार दे दिए थे। परंतु उसके बाद कई सीएमएचओं बदल गए परंतु किसी ने इसपर आपत्ति तक दर्ज नहीं कराई कि एक डाटा एन्ट्री आॅपरेटर को वित्तीय प्रभार कैसे सौंपे गए। यह मामला खुलने के बाद अब विभाग इस मामले में पर्देदारी कर इस मामले को दबाने की जुगत में है।

इनका कहना है
यह मामला मेरे संज्ञान में है। इस मामले में हमने इस डाटा एंट्री आपरेटर की सेवा समाप्ति की नोटशीट बनाकर कलेक्टर के पास भेज ​दी है। इसे मेरे कार्यकाल में चार्ज नहीं मिला हैं यह मामला मेरे संज्ञान में आते ही मेने इसे पिछोर से हटाकर करैरा भेज दिया है। अब इस मामले की जांच एनएचएम भोपाल से की जा रही है।
डॉ पवन जैन,सीएमएचओं शिवपुरी।

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