नप अध्यक्ष के रिसोर्ट में लगी है पुरातत्व विभाग की मूर्तियां, विक्रय से वर्जित जमीन पर बना है दमयंती रिसोर्ट,जांच करने पहुंची टीम

शिवपुरी। खबर जिले के नरवर स्थित लखना तालाब से आ रही है। जहां पर बने रिसोर्ट पर जाँच के लिए बीते रोज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की टीम पहुंची। यहां से उन्होंने कई संपल एकत्रित किए हैं। इस रिसोर्ट में कई पुरातत्व महत्व की मूर्तियां, गेट आदि लगवाए गए हैं। इसकी शिकायत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को दर्ज कराई गई थी।
उक्त शिकायत के क्रम में बीते रोज टीम ने जाकर वहाँ पर जांच की है। विदित हो कि नरवर के लखन तालाब के किनारे की विक्रय से वर्जित जमीन क्रय कर नरवर के पूर्व न अध्यक्ष मनोज माहेश्वरी के बेटे गोविंद माहेश्वरी द्वारा वहाँ दमयंती रिसोर्ट बनाया गया है। रिसोर्ट बनाने से पहले न तो जमीन का डायवर्सन कराया गया। और न ही निर्माण की अनुमति ली गई। इसके अलावा रिसोर्ट में पुरातत्व महत्व की मूर्तियां, गेट व अन्य सामग्रियां लगाई गई हैं। इस मामले की शिकायत नरवर निवासी देवेन्द्र चौरसिया द्वारा एक और जहाँ लोकोपयोग अदालत में दर्ज कराई।
पुरातत्व विभाग की टीम में शामिल अधिकारियों का कहना था कि जो सैंपल उन्होंने रिसोर्ट से कलेक्ट किए हैं। इन सभी सैंपल को वह जांच के लिए भोपाल से पहुंची वहीं दूसरी और रिसोर्ट में लगी मूर्तियां की जांच भी भेजेंगे।
बताया गया है की इस मामले में नरवर के ही देवेंद्र चौरसिया ने पुरातत्व महत्व को सामग्री किले से चोरी कर इस रिसोर्ट में लगाने की शिकायत दर्ज कराई थी। चोरी के संदेह की शिकायत पर पुरातत्व विभाग की टीम मामले की जांच करने पहुंची थी।
उक्त शिकायत के क्रम में पुरातत्व विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पीसी महोबिया अपने टीम के साथ कल दोपहर में रिसोर्ट पहुंचे और सैंपल भोपाल की लैब भेजे जाएंगे।
उसके बाद ही पता चलेगा कि यह पत्थर कितने साल पुराना है। जो कलाकृतियां है वह किस सदी की है इसके बाद आगे की जांच की जाएगी। यदि यह कलाकृतियां मूर्तियां व पुरातत्व महत्त्व की नकलती है तो इस मामले में रिसोर्ट पर कानूनी कार्रवाई का शिकंजा कस सकता है। ऐसी स्थिती में रिपोर्ट के मालिक से जबाब तलब किया जाएगा कि उन्होंने यह सारी सामग्री कहां से और किससे कब की है।
रिपोर्ट पर लगी मूर्तियां जिन्हें पुरातात्विक महत्व का बताया गया है। इसके साथ ही तालाब पर कब्जे के मामले में करैरा एसडीएम, नरवर तहसीलदार ने नोटिस जारी कर जब मांगा था। मामले की सुनवाई तीन अगस्त को होनी थी, लेकिन एसडीएम व तहसीलदार की तरफ से न्यायालय द्वारा पूछे गए सवालों का है। न्यायालय ने मामले को सुनवाई के लिए आगामी तिथि तय की है। एसडीएम व तहसीलदार द्वारा बयान देने के उपरांत लोकोपयोगी अदालत द्वारा जनहित में बड़ा निर्णय दिया जा सकता है।
नरवर किले का भी किया निरीक्षण
ग्वालियर से आई एएसआइ की टीम ने रिसेट के अलावा नरवर किले का भी निरीक्षण किया है। यहां उन्होंने किले पर पहुंचने वाले पर्यटकों से लिए जाने वाली टिकिट प्रक्रिया का निरीक्षण किया। जो लोग यहां टिकिट लेने से इंकार करते हैं उन्हें समझाया कि किले पर घूमने का टिकिट लगता है। यह टिकिट आफलाइन के साथ आनलाइन भी लिए जा सकते हैं। टीम ने किले का भी भ्रमण किया।
इनका कहना है
मैंने पुरातत्व विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी, उसी शिकायत के क्रम में आज पुरातत्व विभाग की टीम नरवर आई थे। टीम ने रिसोर्ट का निरीक्षण किया वहा लगी पुरातत्व महत्व की सामग्री के फोटो लिए, सैम्पल कलेक्ट किए। कलाकृतियों का बारीकी से निरीक्षण किया। इस रिसोर्ट में लगी सामग्री, पत्थर, गेट आदि के सैम्पल कलेक्ट किए, फोटो खाँच कर अपने साथ ले गए हैं। टीम ने मुझे बताया है कि अब इन सैंपल को भोपाल भेजकर इनकी जान करवाएंगे। इसके अलावा आगे जो भी करा दिया जाएगा। नरवर में टीम रिसोर्ट एसडीएम, तहसीलदार ने कोर्ट में जबाब देने के लिए समय की मांग की कार्रवाई होगी, उसके संबंध में मुझे अवगत कराने की बात कही है।
देवेंद्र चौरसिया, शिकायतकर्ता