अवैध संबंध: कुछ देर की मस्ती के लिए उजड़ते परिवार और बिलखते बच्चे, ऐसा दर्द की जिंदगी भर नही भुलाया जा सकता, आखिर शिवपुरी में क्या हो रहा है !

शिवपुरी। जिले में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा है तो वह है अवैध संबंध। लगातार खबरें आ रही है कि 6 बच्चो की मां अपने परिवार को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ भाग गई। अवैध संबंधों के चलते पति ने पत्नी की हत्या कर दी,पत्नी की नाक काट दी। इन अवैध संबंधों के चलते हालात यह है कि प्रतिदिन कोई न कोई हँसता खेलता परिवार उजड़ रहा है।
अवैध ‘संबंध’ और संदेह’ इन दो शब्दों ने शादी जैसे अटूट एवं पवित्र बंधन के मायने ही बदल कर रख दिए हैं। हालात यह हो गए हैं कि शादी के समय पवित्र अग्नि के सात फेरे लेते समय ली जाने वाली कसम और हर परेशानी का हल साथ मिलकर निकालने के वादे सिर्फ विवाह वेदी तक ही सीमित होकर रह गए हैं। असल जीवन में कोई भी व्यक्ति इनका प्रयोग करना ही नहीं चाहता है।
यही कारण है कि पति पत्नी के अटूट बंधन के बीच अवैध संबंध ने घर बना लिया है। इसी के चलते जिले में आए दिन जघन्य वारदातें सामने आ रही हैं।शिवपुरी जिले में पिछले दो दिनों में दो पति हैवान बन गए और सोते समय अपनी पत्नियों की नृशंस हत्या कर दी। वहीं एक युवक ने बिना सोचे समझे अपनी जान दे दी। इसके अलावा दर्जनों उदाहरण शिवपुरी में पिछले कुछ सालों में सामने आए हैं, जहां अवैध संबंधों के संदेह में कहीं पत्नी की तो कहीं पति की सांसे थम गई और कई परिवार उजड़ गए। यदि ऐसे मामलों में उचित कानूनी सलाह ली जाती तो शायद ये जघन्य अपराध घटित नहीं होते और इस बात की भी संभावना है कि पति-पत्नी के बीच के गिले शिकवे मिट जाते।
वारदात-1
जिले में अभी महज मंगलवार की रात गोवर्धन थाना क्षेत्र के ग्राम गाजीगढ़ की आदिवासी बस्ती में वृंदावन आदिवासी ने अपनी पत्नी गिरिजा को शादी के करीब 15 साल बाद अवैध संबंधों के संदेह में उस समय मौत के घाट उतार दिया जब वह अपने मासूम बच्चे के साथ सो रही थी। इस घटना में वृंदावन जेल चला गया और गिरिजा की मौत हो गई। इन दोनों के तीन मासूम बच्चों का जीवन तबाह हो गया। इन तीनों में एक बच्चा तो अभी मां के आंचल से दूध पीकर अपनी क्षुधा शांत करता है। इस घटना को सिर्फ चंद पल के आक्रोश में अंजाम दिया गया, ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि गिरिजा की हत्या करने के बाद उसका पति वृंदावन लाश के पास बैठ कर ही घंटों तक विलाप करता रहा।
वारदात -2
30 जुलाई की रात लुकवासा चौकी अंतर्गत ग्राम देहरदा सड़क में 65 वर्षीय वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व जनपद सदस्य महेंद्र सिंह रघुवंशी ने अपनी 40 वर्षीय
पत्नी अलख कुमारी की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या की वजह यह सामने आई है कि महेंद्र सिंह रघुवंशी को संदेह था कि उनकी पत्नी के गांव के एक सजातीय युवक से अवैध संबंध है। हालांकि इस बात का कोई सबूत सामने नही आया। ऐसे में यह हत्या भी सिर्फ संदेह के आधार पर अंजाम दी गई। विशेषज्ञों का मानना है इस विवाद को भी पति-पत्नी आपस में बात करके सुलझा सकते थे, लेकिन दोनों के बीच में या परिवार के साथ बैठकर कभी इसे लेकर कोई बातचीत होने की जानकारी सामने नही आई।
वारदात-3
जिले के कोलारस थानातर्गत ही मानीपुरा में रहने वाली साखनाद निवासी धनपाल पुत्र मोहन सिंह जाटव की पत्नी रीना के मकान मालिक छैन सिंह जाटव के साले से अवैध संबंध स्थापित हो गए। वह पति का घर छोड़ कर प्रेमी के साथ भाग गई, लेकिन जब प्रेमी ने साथ निभाने से इंकार कर दिया तो वह लौट कर पति के पास आ
गई। अंतत: पत्नि के बेवफाई क्षुब्ध होकर धनपाल ने 16 जुलाई की रात अत्यधिक शराब का सेवन कर कोई जहरीला पदार्थ खा लिया जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि मृतक के परिजन इसे हत्या बता रहे है। अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
वारदात 4
जिले के नरवर थानांतर्गत मगरौनी के ग्राम पनघटा में मधु वंशकार ने अपने पड़ोसी जितेंद्र परिहार से अवैध संबंधों के चलते पति और बच्चों को घर छोड़कर मायके भाग आई थी। यहां जितेंद्र परिहार ने उसे अपने साथ रखने से इंकार कर दिया तो 19 जुलाई को वह एक टावर पर चढ़ गई और गांव वालों के समक्ष शर्त रख दी कि वह टावर से तभी उतरेगी जब जितेंद्र उससे शादी करेगा। इस मामले में जितेंद्र उससे शादी करने तैयार नहीं हुआ तो मधु ने उसके खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवा दिया। पुलिस ने जितेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ऐसे में एक और जहां मधु का परिवार बिखर गया वहीं जितेंद्र का परिवार भी विखर गया।
वारदात 5
यह घटना जिले के बैराड़ थाना क्षेत्र के पटेवरी गांव की है। जहाँ एक महिला की शादी लुकवासा में हुई थी। उक्त महिला अपने मायके में आई थी और अपने सोशल मीडिया फ्रेंड के साथ भाग गई। अब अवैध संबंधों में वह इतना भूल गई कि उसके मासूम बच्चे अब कैसे जीवन यापन करेंगे।
एक्सपर्ट व्यू
ऐसे मामलों में आपराधिक कृत्य कारित करने से पहले ही अगर कोई एक पक्ष पति अथवा पत्नी, विधिक सहायता अधिकारी के माध्यम से विवाद के निराकरण के लिए सलाह लेता हो सकता है कि उच्च न्यायालय की वैधानिक संस्था ‘मध्यस्थता केंद्र’ के माध्यम से उनके बीच के संदेह को मिटाया जा सकता था अथवा उचित कानूनी सलाह दी जा सकती थी। यहां न्यायाधीश, वकील, समाजसेवी उनके बीच मध्यस्थ की भूमिका अदा करते हैं। इस प्लेट फार्म तक पहुंचने के लिए जरूरी नहीं है कि पहले मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई जाए या मामला न्यायालय में लाया जाए। इससे पूर्व भी इस प्लेटफार्म की मदद ली जा सकती है। यदि लोग इस प्लेट फार्म की मदद लेंगे तो निश्चित रूप से अपराध कारित होने और परिवार बिखरने से बच सकेंगे।
संजीव विलगैयां विधिमान्य मध्यस्थ, मध्यस्थता केंद्र
