नसबंदी कराने के बावजूद भी हो गया बच्चा : कलेक्टर से लगाई गुहार, मुआवजा दिया जाए

शिवपुरी । खबर जिला कलेक्ट्रेट से आ रही है जहां एक महिला ने लेप्रोस्कोपिक नसबंदी ऑपरेशन के पश्चात पुनः गर्भधारण होने से ऑपरेशन असफल होने से प्रार्थिया को क्षतिपूर्ति एवं मुआवजा राशि प्रदान किये जाने एवं लापरवाही करने वाले संबंधित डाक्टर्स के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने की मांग करते हुए शिकायत दर्ज करायी है।
जानकारी के अनुसार मनीषा पाल निवासी खनियांधाना ने बताया कि शासकीय योजना परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत 22 नवंबर 2022 को लेप्रोस्कोपिक नसबंदी ऑपरेशन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खनियांधाना पर किया गया था जिसका पंजीयन क्रमांक 26 ऑपरेशन को क्रमांक 20 है तथा उस ऑपरेशन का प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिवपुरी द्वारा दिया गया है जिसका जावक क्र. 574 दिनांक 14 जून 2023 है । उक्त ऑपरेशन के बाद भी महिला को गर्भ ठहर गया है। प्रार्थिया को पेट में शिकायत होने पर दिनांक 31 जनवरी 2023 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खनियांधाना पर जांच कराई गई परंतु ब्लॉक मेडीकल ऑफिसर द्वारा जांच के बाद उन्हें जानकारी होने पर भी प्रार्थिया को यह बात नहीं बताई गई कि प्रार्थिया को गर्भ है प्रार्थिया के गर्भ ठहरे वाली बाल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के मेडीकल ऑफीसर द्वारा छिपाई गई तथा यह कहा गया कि आपको कुछ नहीं हुआ है आप ठीक है।
लेकिन जब महिला ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खनियांधाना में जाकर दिखाया तब भी स्वास्थ्य केन्द्र खनियांधाना पर कोई जांच नहीं की गई तथा प्रार्थिया को कुछ दवा देकर टाल टूल कर दिया गया प्रार्थिया द्वारा जब कृष्णा मेमोरियल क्लोनिक एण्ड सोनोग्राफी सेंटर सुखपुर हॉस्पीटल के पास, बहेरिया ब्लॉक ईसागढ़ में जाकर अल्टासाउण्ड कराया तब उसे 21 सप्ताह 06 दिन के गर्म होने की रिपोर्ट प्राप्त हुई तथा डाक्टर ने बताया कि आपको 21 सप्ताह 06 दिन का गर्भ है । ऐसी स्थिति में प्राथिया के नसबंदी ऑपरेशन के समय विभाग एवं डाक्टर्स के द्वारा गंभीर लापरवाही की गई है जो कि गलत है, प्रार्थिया द्वारा सभी दिशा निर्देशों का पालन किया गया है।
परिवार नियोजन के अंतर्गत नसबंदी ऑपरेशन के पश्चात अनचाहे गर्भधारण होने की स्थिति में प्रार्थिया शासन से क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि प्राप्त करने की वैधानिक अधिकारिणी है इसलिये प्रार्थिया की शासन से 11 लाख की क्षतिपूर्ति राशि सहित अधिकारी एवं लापरवाही करने वाले दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाने की मांग की है।
