14 साल पहले ब्रेन ट्यूमर से जिंदा लाश बन गई थीः गुरू मां का के स्पर्श से मिला नया जीवन

शिवपुरी। अगर कोई कहे कि उसका दिल्ली के एक बडे अस्पताल में ऑपरेशन हुआ और वह फेल हो गया। एक जिंदा युवती लाश बन गई और अगर वह महज एक स्पर्श से नया जीवन जीने लगे तो क्या यह चमत्कार से कम है। ऐसा ही कारनामा हुआ है शिवपुरी में जहां एक युवती चौदह वर्ष पूर्व मैं एक जिंदा लाश की तरह थी। ब्रेन ट्यूमर की शिकार थी कब सांसों की डोर थम जाए पता नहीं। पूरे घर में निराशा का माहौल था।

दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में ऑपरेशन हुआ, लेकिन असफल। डॉक्टरों ने प्रतिदिन 40 हजार रुपए इलाज में छह माह तक खर्च करने की बात कहें जीवन की कोई गारंटी न देने कहास सिर में असहनीय वेदना और हाथ पैरों ने भी काम करना बंद कर दिया। थक हार कर परेशान परिवार वाले मुझे घर ले आए।

उस समय साध्वी पूनम श्रीजी का चातुर्मास था और जब उन्हें पता चला कि मेरी हालत बहुत खराब है तो उन्होंने सबसे पहले मुझे घर आकर आशीर्वाद दिया। चमत्कार देखिए कि उनके स्पर्श करते ही मेरे हाथ और पैर चलायमान होने लगे। धीरे.धीरे मैं स्वस्थ होने लगी। मेरे लिए तो पूनम श्रीजी भगवान हैं और आज गुरुपूर्णिमा का पर्व है और मेरी गुरू पूनम श्रीजी का भी आज जन्मदिन है।

मैं उन्हें नमन करने पूरे परिवार सहित शिवपुरी आईं हूं। यह बात लखनऊ से आई श्वेता जैन ने भावुक अंदाज में धर्मसभा में व्यक्त किए। तो सभा में मौजूद सभी लोगों की आंखें छलछला आईं धर्मसभा में श्वेतांबर जैन श्रीसंघ की ओर से वरिष्ठ श्राविका सुनीता कोचेटा ने श्वेता जैन का सम्मान किया।

धर्मसभा में चमत्कार की दूसरी कहानी वीरेंद्र सांड की पत्नी मंजू सांड ने सुनाई। वह कई महीनों बीमार थीं और उनका इलाज देश के कई अस्पतालों में चल चुका था। परंतु सुधार नजर नहीं आ रहा था। लेकिन आज वह खुद गुरुपूर्णिमा के पर्व पर धर्मसभा में मंच पर पहुंचीं और उन्होंने बताया कि जब से गुरुणी मैया ने मुझे आशीर्वाद दिया हैए मेरी तबियत धीरे.धीरे ठीक हो रही है।

जीवन में आशा का संचार हो रहा है। उनकी प्रेरणा से मैंने आज दो उपवास की तपस्या भी की है। मेरे लिए तो गुरुणी मैया भगवान हैं। जो काम डॉक्टर नहीं कर पाए वह उन्होंने किया है।धर्मसभा में साध्वी रमणीक कुंवर ने कहा कि हमारा चमत्कार का कोई दावा नहीं है और न ही हम चमत्कार करते हैं।

परमात्मा खुद वा खुद चमत्कार करता है। हम सिर्फ एक माध्यम बनते हैं। संभव है कि आध्यात्मिक शक्ति से दिव्यता पैदा होती है जो चमत्कार की जनक है। साध्वी जी ने कहा कि अपना जीवन इस तरह का बनाओ कि खुद वा खुद चमत्कार हों। जिसका जीवन शुद्ध और साफ होता है तथा आत्मा कषायों से मुक्त होती है ऐसा व्यक्ति ईश्वरीय शक्ति से संपन्न होता है और उसके अंतर्मन में प्रत्येक व्यक्ति के कल्याण की भावना होती है।

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