पहली बारिश में जमकर गिरने लगा भदैयाकुण्ड का झरनाः प्रेमी जोडे के लिए वरदान, क्या है यहां की अवधारना, पढिए भदैयाकुण्ड का इतिहास

सतेन्द्र उपाध्याय @ शिवपुरी। कल शहर में हुई झमाझम बारिश के बीच शहर से महज 3 किमी दूर स्थिति भदैयाकुण्ड का झरना कूंदने लगा। इस झरने को देखने के लिए पर्यटकों की भीड शुरू हो गई है। झरने में गिरते पानी और कुंड में मौजूद मछलियों की अठखेलियां पर्यटकों को रोमांचित करने लगी है। जिसे देखने यहां भीड उमडने लगी है। यहां बता दे कि शिवपुरी जिले में बरसात के मौसम में झरनों की भरमार है। यहां टुण्डा भरका,पवा, भूरा खो सहित पिछोर खनियांधाना में कई झरने है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते है।
विदित हो कि यह झरने महज बरसाती झरने है जो मात्र बरसात के समय में ही बहते है। जैसे ही यहां अच्छी बारिश होती है यहां यह झरने पूरे शवाब पर आ जाते है। इसी के चलते बारिश के दिनों में लोगों का जमावड़ा आमतौर पर देखा जाता है। कुछ लोग प्राचीन पर्यटक स्थल भदैया कुंड का झरना बहने लगता है तभी से शिवपुरी में मानसून की दस्तक को भी मानते है।
मान्यताः इस कुंण्ड में अगर प्रेमी जोडा नहा ले तो नहीं होती तकरार
इस कुण्ड को लेकर मान्यता है कि यह कुण्ड प्रेमी जोडे के लिए बरदान है। माना जाता है कि यहां जब किसी प्रेमी जोडे में तकरार हो या फिर लडाई हो जाए और इस कुण्ड में यह जोडा एक बार नहा ले तो दोनों के रिस्ते की तकरार खत्म हो जाती है। माना यह भी जाता है कि कई जोडे यहां शादी के बाद तलाक की हालात में पहुंचने के बाद यहां नहाने पहुंचे है तो उनका उजडा हुआ घर फिर से बस गया है। इस झरने में नहाने के लिए कपल्स दूर.दूर से आते हैंए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से प्रेमियों के बीच प्रेम भी बढ़ता है।
इस कुण्ड के बारे में यह भी है एक पौराणिक कथा
इस कुंड के बारे में ऐसा माना जाता है कि ये लगभग डेढ़ सौ साल पुराना है, जिसमें कभी भी पानी की कमी नहीं होती। इस कुंड के बारे में एक और दिलचस्प बात ये भी है कि ये एक समय सिंधिया रियासत की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। जब बारिश होती है, पानी चट्टानों से रिसकर झरने का रूप ले लेता है। झरने का पानी एक मंदिर के ऊपर से गिरता है और कुंड में जमा होता चला जाता है।
इस कुंड से जुड़ी एक रोचक कहानी है, एक बार यहां एक प्रेमी जोड़ों ने यहां कठोर तपस्या की थी, जिसके बाद उन्हें वरदान मिला कि इस कुंड में स्नान करने वाले जोड़े का प्यार हमेशा बना रहेगा। कुंड के बारे में कहा जाता है कि यहां दोनों के नहाने से पति पत्नी के बीच का झगड़ा मिनटों में सुलझ जाता है और दूरियां मिट जाती हैं। हांलाकि इसका कोई विधिवत प्रमाण अभी सामने नहीं आया है इसे सिर्फ अवधारना माना जाता है।