विज्ञान को समझने के लिए प्रायोगिक अभ्यास आवश्यक हैः डीइओ समर सिंह राठौड़

शिवपुरी। शहर के उत्कृष्ट उमावि क्रमांक 1 व उमावि क्रमांक.2 में चल रहे जिले के 217 हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में कार्यरत प्रयोगशाला सहायक व प्रयोगशाला शिक्षकों के प्रशिक्षण सत्र में जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ ने कहा कि विज्ञान विषय ऐसा है जिसे किताबों के माध्यम से रट कर जाना व समझा नहीं जा सकता। इसे समझने के लिए प्रायोगिक अभ्यास आवश्यक है। यही कारण है कि विज्ञान विषय के विद्यार्थियों के लिए अध्यापन कक्ष से ज्यादा प्रयोगशाला और वहां विषयगत कठिनाईयों को दूर करने के लिए प्रायोगिक अभ्यास महत्वपूर्ण है।

डीईओ ने कहा कि प्रशिक्षण आपको स्कूल में प्रयोग शाला संचालन को और बेहतर बनाने में मदद तो करेगा। साथ ही जब विद्यार्थी फिजिक्स, केमिस्ट्री व जीव विज्ञान जैसे विषयों को थ्योरी के अलावा प्रायोगिक तौर पर खुद करके सीखेंगे तो यह उनके लिए रूचिकर व प्रभावी होगा। जिला प्रशिक्षण प्रभारी वत्सराज सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान विषय विशेषज्ञ मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रयोगशाला शिक्षकों को प्रायोगिक कार्य से जुड़े विभिन्न विषयों की जानकारी दी जा रही है।

सोमवार को प्रशिक्षण के दौरान प्रयोगशाला शिक्षकों को जीव विज्ञान विषय में स्लाइड निर्माण, पत्ती की संरचना, रसायन शास्त्र में विभिन्न रासायनिक अभिक्रियाओं का अभ्यास व भौतिकशास्त्र में प्रायोगिक ग्राफ के माध्यम से अवधारणाओं को समझाया गया। प्रशिक्षण में प्रमुख रूप से प्राचार्य आरपी जाटव, मास्टर ट्रेनर हेमंत जैमिनी, केपी सिंह, राकेश आचार्य आदि मौजूद थे।

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