सरकारी स्कूल में पढ़ाने की ले रहे मोटी तनख्वाह, कोचिंग के नाम पर स्टूडेंट पर दबाव, खुलेआम वसूली जारी

शिवपुरी । जिले के अंतर्गत शिक्षा विभाग से संबंधित सरकारी स्कूलों के शिक्षक बेखौफ होकर विभागीय मापदंडों को तिलांजलि देकर स्कूल टाइम के बाद कोचिंग पढ़ाकर मोटी कमाई कर रहे हैं। सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग पर प्रतिबंध के बावजूद कुछ सरकारी शिक्षकों द्वारा ट्यूशन रूपी गैर-कानूनी कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर ट्यूशन पढ़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन प्रतिबंध के बावजूद कुछ सरकारी स्कूलों के अध्यापकों द्वारा अवैध घोषित किए गए इस धंधे को बेखौफ अंजाम दिया जा रहा है।

क्षेत्र में प्रतिदिन नए-नए कोचिंग संस्थान खोले जा रहे हैं और ये बच्चों से मनमाफिक शुल्क वसूल रहे हैं। नगरीय क्षेत्र में तो अब 10वीं, 12वीं कक्षाओं के अलावा सरकारी शिक्षक अन्य तैयारियां करवा रहें है इसके ऐवज में छात्र-छात्राओं से मोटी रकम भी वसूल रहे हैं। बैराड़ नगर के माता रोड़, तहसील के पास कन्याशाला स्कूल के पीछे, जैन मंदिर के पास, लोहपीटा महोल्ला आदि स्थानों सहित नगर कई गली मोहल्लों और निजी घरों में शासकीय शिक्षकों द्वारा बेखौफ होकर कोचिंग सेंटर संचालित किया जा रहे है। नगरभर में करीबन 250 से भी अधिक छात्र-छात्राओं व निजी स्कूलों के शिक्षकों से हजारों रुपए की राशि फीस के रूप में वसूली जा रही है। इस तरह से सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग संचालन शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सबाल खड़े कर रहा है

सरकारी शिक्षकों की बजह से निजी कोचिंग संस्थानों के संचालक शासन का सर्विस टैक्स एवं प्रोफेशनल टैक्स तक नहीं चुका पा रहे हैं। वहीं शासकीय शिक्षकों द्वारा आवासीय जगहों का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। इससे नगर परिषद को राजस्व की हानि हो रही है। इसके साथ ही सवाल यह भी उठता है कि सरकारी शिक्षक अपनी पदस्थी की शाला में विद्यार्थियों को क्या और कैसा पढ़ा रहे होंगे। नगर के प्रमुख चौराहों से लेकर गलियों में सरकारी शिक्षकों के कोचिंग धड़ल्ले से चल रहे है।

छात्र-छात्राओं पर बनाया जा रहा दबाब, बसूल रहे मोटी रकम
बताया गया है कि सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग के नाम पर धंधा तो जारी है बहीं छात्र-छात्राओं पर प्रेक्टीकल में नंबर कम देने का दबाब बनाकर अपने यहां कोचिंग पढ़ने को मजबूर कर रहे है और छात्र-छात्राओं से मोटी रकम बसूल रहे हैं जिसके चलते यह छात्र छात्राएं मजबूरी में अपने स्कूल के ही टीचर के यहां कोचिंग पढने को लेकर मजबूर है। इतना ही नही पिछले सत्र में भी इन शासकीय शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं को खूब प्रताड़ित किया गया पिछले सत्र में जो विधार्थी इनके यहां कोचिंग पढने नहीं आते थे उनके बच्चों के प्रेक्टिकल में नंबर कम दिए थे।

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