नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तनातनी में व्यस्थः कचरे के ढेर पर शिवपुरी शहर

रूद्र जैन शिवपुरी। बैसे तो नरक पालिका के हालात किसी से छुपे नहीं है। शिवपुरी जिले की नगर पालिका धीरे धीरे नरक पालिका बनती जा रही है। बीते 8 साल में हुए चुनाव के बाद पब्लिक को लग रहा था कि शिवपुरी में नए पार्षद,उपाध्यक्ष बनने के बाद शायद शिवपुरी की दशा और दिशा बदल जाएगी। परंतु दशा तो नही बदली दशा जरूर बदल गई। भाजपा के ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच की तनातनी में शिवपुरी की पब्लिक घुन की तरह पिस रही है। नगर पालिका अध्यक्ष अपना पूरा समय उपाध्यक्ष को नीचा दिखाने में खर्च कर रही है। नगर पालिका अध्यक्ष बने हुए 50 दिन हो गए परंतु अभी तक ऐसी कोई भी कार्यप्रणाली सामने नहीं आई जिससे शिवपुरी के लोग गर्ब से कह सके है कि नगर पालिका में अध्यक्ष का चुनाव सही रहा।
एक तरह शिवपुरी में गंदगी से पटे नाले दूसरी और पूरे शहर में लगे गंदगी के अम्बार। शहर के मध्य में स्थिति पुराने बस स्टेण्ड को ही शिवपुरी नगर पालिका ने कचरे का डंपिंग स्टेशन बना दिया है। एक तरफ तो नगर पालिका परिषद स्वच्छता अभियान के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। फिर भी नगर में कोई साफ सफाई दिखाई नहीं दे रही। एक तरफ जहां नगर पालिका स्वच्छता अभियान के तहत स्वच्छ भारत स्वच्छ मध्य प्रदेश के बड़ेण्बड़े स्लोगन लिखकर स्वच्छता अभियान को कागजों में भले ही स्वच्छता के मामले में स्वच्छ और साफ रख रही हो लेकिन यहां शहर के हाल बेहाल हैं। स्वच्छता अभियान के तहत कचरा संग्रहण के लिए नगर पालिका परिषद ने गाड़ियां भी खरीदी हैं। बावजूद इसके पूरे नगर में हर जगह कचरे के ढेर हैं। कचरे की बदबू से आसपास रहने वाले लोग परेशान हैं। कचरे से मच्छर भी पनप रहे हैं। जिससे खतरनाक बीमारी भी फैलती है। कचरे से भले ही शहर के लोग परेशान होए लेकिन जिम्मेदार इस पूरे मामले से बेखबर हैं।
शहर भर में अनेक जगह लगे कचरे के ढेर
शहर में अनेक जगह गंदगी और कचरे के ढेर नजर आ रहे है। हालात यह हैं कि कुछ स्थानों से तो कई दिनों तक कचरा उठाया ही नहीं जा रहा है। जगह जगह पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। नगर पालिका की ओर से यहां सफाई करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कूड़े करकट के ढेर के कारण यहां पर लावारिस पशुओं का भी डेरा लग रहता है जो कि वाहन चालकों के लिए भी परेशानी का कारण बना हुआ है। साथ ही इसके अलावा जगह जगह लगे कचरे के ढेर शहर की सुंदरता को भी प्रभावित कर रहे हैं। पिछले लंबे समय से ही यहां की मुख्य सड़कों की कायदे से सफाई नहीं हो रही है। ऐसे में सड़क किनारे के वार्डों में गंदगी से बीमारियां पनपने का खतरा लोगो मे बडता जा रहा है।
पुराना बस स्टैड़ पर जहाॅं कभी पुराना RTO आंफिस हुआ करता था आज वही आफिस कचरे के ढेर में तब्दील हो गया है। साथ ही शहर में पुरानी नगर पालिका द्धारा कई शौचालय तो बनबाए परंतु उनमें भी ताले डले होने के चलते लोग शहर में ही खुले में शौच के लिए मजबूर है। कुल मिलाकर नगर पालिका अध्यक्ष बनने के बाद पब्लिक जो अनुमान लगा रही थी अब वह अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही है। सबसे ज्यादा परेशानी तो उन वार्डो में आ रही है जहां पब्लिक ने भाजपा को जिताया। जो पार्षद भाजपा से जीतकर आए उनमें से कुछ पार्षद यशोधरा राजे गुट के साथ तो कुछ पार्षद रामजी व्यास गुट के साथ खडे थे। भले ही चुनाव नहीं हुआ परंतु जो पार्षद रामजीव्यास के साथ खडे थे उन्हें अब चुन चुनकर निशाना बनाते हुए उनके कामों पर रोक लगाई जा रही है। अब ऐसे में स्वच्छ शिवपुरी का जो समना देखा था वह आखिर इस गुटबाजी में कैसे साकार होगा।