किरायेदार बनकर 40 साल से रह रहा भरत तिवारी, कोर्ट का आदेश 2 माह में खाली कर दे मकान

शिवपुरी। बीते रोज षष्टम व्यवहार न्यायाधीश सुनीता कोरी ने जबरन मकान पर कब्जा करने वाले किरायेदार को दो माह के भीतर मकान खाली करने का आदेश दिया है।

किरायेदार ने खुद को मकान मालिक बताते हुए अवैधानिक दस्तावेज भी न्यायालय पेश किए थे। पीड़ित मकान मालिक की ओर से पैरवी एडवोकेट योगिता झा ने की।

प्रकरण के अनुसार सोंजी राम का बाड़ा वार्ड क्रमांक 37 में स्व. लाड़ो बाई कुशवाह का एक मकान है। अगस्त 2013 में लाड़ो बाई के देहांत के बाद उक्त मकान उसकी पुत्री भगवती पत्नी रामगोपाल कुशवाह के नाम पर हस्तांतरित हो गया।

मकान में पिछले 40 साल से भरत पुत्र किशोरीलाल तिवारी किराएदार के रूप में रह रहा था। भगवती ने जब भरत तिवारी को मकान खाली करने के लिए कहा तो उसने मकान खाली करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह मकान तो उसने खरीद लिया था ।

भगवती ने न्यायालय में परिवाद दायर किया। मामले की सुनवाई के दौरान भरत तिवारी ने एक सौ रुपये के स्टांप पर अनुबंध पत्र, बिजली के बिल आदि दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए खुद को मकान मालिक साबित करने का प्रयास किया।

वहीं दूसरी ओर भगवती ने मकान की रजिस्ट्री सहित तमाम अन्य साक्ष्य प्रस्तुत किए। सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि एक तो सौ रुपये के स्टांप पर मकान के क्रय-विक्रय का अनुबंध वैधानिक नहीं है। इसी के चलते माननीय न्यायालय ने भरत तिवारी को 2 माह में मकान खाली करने का आदेश दिया है।

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