शिवपुरी में टाईगरों को आए 50 दिन पूरे: मुआवजे में देरी के चलते अधिग्रहित गांव नहीं करा पाए खाली

शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क में भले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीन टाईगरों को छोडा है। परंतु माधव नेशनल पार्क शिवपुरी की पश्चिम रेंज और उत्तर रेंज में कोरीडोर बनाने के लिए पांच गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई है। लेकिन छूटे परिवारों को अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है। ऐसे में पार्क के कॉरिडोर हिस्से के तीन गांव अभी भी आवाद हैं।
जबकि नेशनल पार्क में टाइगर आए हुए तीन सप्ताह पूरे हो गए हैं। माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में 10 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा नर व मादा सहित दो टाइगर लाकर बाड़े में छोड़े गए थे। पन्ना से दूसरी टाइगर को बाद में लाए थे। नवरात्रि से पहले ही टाइगर को बाड़े से खुली रेंज में छोड़ दिया गया। जबकि टाइगर लाने से पहले कॉरिडोर वाले हिस्से को खाली कराना था। लेकिन वंचित परिवारों को मुआवजा देने में लगातार देरी होती चली गई।
टाइगर आए हुए 28 अप्रैल को पूरे 49 दिन हो गए हैं। फिर भी संबंधित परिवारों को सर्वे करके मुआवजा वितरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है। मुआवजा नहीं मिलने से संबंधित गांवों के ग्रामीण दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
नेशनल पार्क की उत्तर रेंज में तीनों टाइगर को लाकर पहले बाड़े में रखा गया। ओपन रेंज में छोड़ने के बाद टाइगर उसी हिस्से में मौजूद हैं। सुरक्षा के लिए पार्क स्टाफ द्वारा टाइगर ट्रेकिंग की जा रही है। कॉरिडोर हिस्से से टाइगर 4 से 5 किमी की दूरी पर मौजूद हैं।
ऐसे में कॉरिडोर वाले हिस्से में तीन गांव लखनगवां, डोंगर और मामौनी गांव में परिवार अभी भी रह रहे हैं। ऐसे में टाइगर का कॉरिडोर में आने के आसार कम हैं। यदि गांव खाली हो जाएं तो टाइगर कोरीडोर हिस्से में आसानी से आ सकेंगे। बता दें कि प्रति वयस्क सदस्य को 15 लाख रु. मुआवजा मिलना है।
मामौनी गांव के पास भी फेंसिंग अधूरी
मामौनी गांव की तरफ से चैन फेसिंग कराई है, लेकिन गांव में परिवार रहने से चैन फेंसिंग रास्ते वाले हिस्से से छूटी हुई है। यदि चैन फेंसिंग पूरी करते हैं तो ग्रामीणों का रास्ता बंद हो जाएगा। यदि मुआवजा समय रहते मिल जाए तो चैन फेसिंग का काम भी पूरा हो जाएगा।
कूनो नेशनल पार्क से चीता पवन शिवपुरी नेशनल पार्क के कॉरिडोर हिस्से से होकर अंदर आया था। उसी के लिहाज से पांच गांवों की जमीन अधिग्रहित हुई है। कॉरिडोर हिस्से के तीनों गांव खाली हो जाएं तो पार्क के दूसरी जानवर भी इस हिस्से में आ सकेंगे। इस साल बरसात में घास के मैदान के रूप में कॉरिडोर नजर आएगा जिससे शाकाहारी जानवर ज्यादा आकर्षित होंगे, ऐसे में टाइगर भी शिकार के लिए आ सकेंगे।
इनका कहना है
संयुक्त टीम द्वारा सर्वे कराया गया है, जो लगभग कंप्लीट हो चला है। संबंधित परिवारों काे मुआवजा देने से पहले जल्द ही विज्ञप्ति प्रकाशित कराएंगे, ताकि दावे-आपत्तियां लेकर निराकरण कर सकें। मुआवजा वितरण की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ करेंगे।
अंकुर रवि गुप्ता, एसडीएम, अनुविभाग शिवपुरी