बलारपुर मेले को लेकर फिर नहीं निकला कोई ठोस निर्णय,राजे बोली समन्वय के साथ निकालेंगे रास्ता

शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क में​ स्थि​त बलारपुर के मेले को लेकर अभी भी संसय बरकरार है। माधव नेशनल पार्क में हाल ही में टाइगर छोड़े गए हैं। जिसकी निगरानी लगातार नेशनल पार्क प्रबंधन से की जा रही है। इसके अलावा नेशनल पार्क के सीमा क्षेत्र में ही बलारपुर क्षेत्र में बलारी माता मंदिर है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। यहां नवरात्रि के अवसर पर बड़ा मेला आयोजित किया जाता है। इसके अलावा सामान्य दिनों में माह के सप्तमी तिथि के दिन यहां श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। परंतु आज इस बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं निकला है।

यहां कई वर्षों से मेला आयोजित किया जाता रहा है, और श्रद्धालुओं का भी आवागमन होता रहा है। अब नेशनल पार्क में टाइगर आने के बाद यहां नेशनल पार्क प्रबंधन द्वारा गतिविधियां प्रतिबंधित की गई हैं। जिसमें मंदिर तक जाने आने और मेला आदि पर भी रोक लगा दी गई है। बता दें कि अगले माह बलारी माता मंदिर पर मंदिर प्रवंधन सतचंडी यज्ञ का भी आयोजन करवा रहा है इसके कारण मंदिर प्रबंधन और नेशनल पार्क के अधिकारियों के बीच विवाद चल रहा है।

शिवपुरी विधायक और मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने इस विवाद को देखते हुए नेशनल पार्क के अधिकारियों और मंदिर के पुजारियों के साथ बैठक की और कहा कि मंदिर और नेशनल पार्क प्रबंधन दोनों आपसी समन्वय से निर्णय लें जिससे इस प्रकार के विवाद की स्थिति निर्मित ना हो। उन्होंने कहा कि यह मंदिर लंबे समय से लोगों की आस्था का केंद्र है, इसलिए बेहतर विकल्प पर विचार किया जाएगा। वन विभाग के नेशनल पार्क के संबंध में नियम हैं और नियम अनुसार ही अधिकारियों को काम करना है। इसमें आपसी समन्वय से विचार किया जाएगा। जिससे दोनों पक्षों को समस्या ना हो। बैठक में उपस्थित लोगों से भी इस संबंध में सुझाव लिए गए।

मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा है कि बांधवगढ़ और रणथंभोर नेशनल पार्क में भी इसी प्रकार से लोग पहुंचते हैं। यहां माधव नेशनल पार्क की टीम भी पूरा अध्ययन करके ऐसी व्यवस्था पर विचार करें जिससे मध्यम मार्ग को अपनाया जा सके। बैठक में राज्य मंत्री दर्जा प्रहलाद भारती, नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा, कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी, पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह, नेशनल पार्क मुख्य वन संरक्षक उत्तम कुमार शर्मा, डीएफओ सुधांशु यादव, सहायक संचालक अनिल सोनी, मंदिर के पुजारी उपस्थित रहे।

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