शहर की बदहाली का ठींकरा गायत्री शर्मा ने इंजीनियरों पर फोडा,बोली जब इंजीनियर ठेकेदारी करेंगे तो कैसे होगा शहर का विकास

शिवपुरी। जब से शिवपुरी के प्रथम नागरिक की कुर्सी दबंग लेडी गायत्री शर्मा ने संभाली थी। तब तो ऐसा लग रहा था कि शिवपुरी नगर पालिका अब पूरी तरह से दुरूस्त हो जाएगी। परंतु शहर में अफसर शाही इस हद तक हाबी है कि इस अफसरशाही के आगे गायत्री शर्मा भी बेबस नजर आ रही है। 6 माह से नगर पालिका की कुर्सी पर बैठी नगर पालिका अध्यक्ष ने शिवपुरी नगर पालिका की बदहाली का ठींकरा कार्यपालन यंत्री और सहायक यंत्री सचिन चौहान पर फोडा है।
दोनों इंजीनियरों को टारगेट करते हुए नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा ने तो यह तक कह दिया कि जब नगर पालिका के इंजीनियर ठेकेदारी का कार्य करेंगे तो कैसे गुणवत्ता युक्त कार्य होगा और कैसे नगर का विकास होगा। श्रीमति गायत्री शर्मा इसके पहले पूर्व सीएमओ शैलेश अवस्थी के खिलाफ भी मोर्चा खोल चुकी थी। उन पर आरोप था कि वह काम करने में कोई रूचि नहीं लेते और जनप्रतिनिधियों को कोई तबज्जों नहीं देते। सांसद केपी यादव की शिकायत पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शैलेश अवस्थी को निलंबित कर दिया था और उनके बाद आए सीएमओ केशव सगर से नगर पालिका अध्यक्ष की अच्छी पटरी बैठ रही है।
मंगलवार को प्रदेश सरकार की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा का कार्यपालन यंत्री बागरी और सहायक यंत्री सचिन चौहान के खिलाफ गुस्सा फूट पडा। दुखी अंदाज में गायत्री शर्मा ने मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से कहा कि परिषद का गठन हुए 6 माह से अधिक हो चुके हैं। लेकिन नगर पालिका के इंजीनियर उनकी नहीं सुनते हैं। उनसे किसी भी काम की कहो तो वह काम को एक-दूसरे पर टाल देते हैं।
इंजीनियरों की इस लापरवाही के कारण जनहित के काम नहीं हो पा रहे हैं। सड़कों के टेंडर तो हो गए हैं। लेकिन वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुए हैं। गर्मी में पानी का संकट बना हुआ है। कई क्षेत्रों में पानी की मोटर खराब है। लेकिन इंजीनियर न तो नई मोटर खरीदने और न ही पुरानी मोटर ठीक करने में दिलचस्पी लेते हैं। सड़कों की मरम्मत के काम भी इसी कारण नहीं हो रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब नगर पालिका अध्यक्ष की नहीं सुनी जा रही तो वे किसकी सुनेंगे।
यशोधरा राजे ने नपाध्यक्ष की बात पर गंभीरता दर्शाते हुए कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी को आदेश दिया कि वह इस दिशा में पहल करें और इंजीनियरों को निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि जब नगर पालिका अध्यक्ष की सुनवाई इंजीनियर नहीं कर रहे तो वे किसकी सुनवाई करेंगे और कैसे विकास के काम होंगे।
परिषद की बैठक में पार्षदों की भी यहीं थी पीड़ा
दो दिन पहले नगर पालिका परिषद की बैठक में कांग्रेस और भाजपा पार्षदों की भी यहीं पीड़ा थी। नपा उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति सांसद प्रतिनिधि रामजी व्यास ने भी अधिकारियों को निशाने पर लेते हुए कहा था कि नगर पालिका में अफसरशाही हावी है। पूर्व सीएमओ शैलेष अवस्थी के निलंबन और स्थानांतरण के बाद भी अधिकारी सुधरने को तैयार नहीं है, उन्हें जनहित की कोई परवाह नहीं है तथा वे खुलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
नगर पालिका में बिजली का सामान नहीं है। वार्डों में अंधेरा छाया है। गुणवत्ता विहीन कार्य हो रहे हैं। सड़कें खराब डाली जा रही हैं। इंजीनियर और ठेकेदारों की गैंग मिलकर नगर पालिका को लूट रही है।
इनका कहना है-
जनता ने मुझसे विकास की अपेक्षा की है। लेकिन जब तक अधिकारियों का सहयोग और समन्वय नहीं मिलेगा, कैसे विकास कार्य होंगे। कार्यपालन यंत्री बागरी का पुत्र ठेकेदारी कर रहा है। वह एक ठेकेदार का पार्टनर है। सहायक यंत्री चौहान भी ठेकेदारी में लिप्त हैं। जब इन यंत्रियों का ध्यान पैसा कमाने और भ्रष्टाचार में होगा तो नगर पालिका कैसे विकास के कार्य कर पाएगी। नगर पालिका में अब काम करने वाले अधिकारी ही रहेंगे और निष्क्रिय लापरवाह तथा भ्रष्ट अधिकारियों को चलता किया जाएगा।
गायत्री शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष शिवपुरी
इनका कहना है-
मेरा पुत्र कोई ठेकेदारी नहीं कर रहा। उसने बीई की है और नगर पालिका के ठेकेदारी के काम में उसे कोई रूचि नहीं है। मुझे नहीं पता की नगर पालिका अध्यक्ष मुझसे क्यों खफा हैं। मैं अपनी तरफ से शिकायत का कोई मौका नहीं देता।
मनोहर बागरी, कार्यपालन यंत्री नपा शिवपुरी