शहर में डंडा बैंक का आतंक: पब्लिक पर तो कार्यवाही पुलिसकर्मियों को खुला संरक्षण

शिवपुरी। जिले में इन दिनों भले ही नवागत पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने कमान संभाल ली है। परंतु जिले में डंडा बैंक का बोलबाला पूरी तरह से जारी है। हालात यह है कि यहां खुलेआम डंडा बैंक संचालक 20 टका तक का ब्याज वसूल रहे है। इस मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने डंडा बैंक संचालकों पर कई कार्यवाही की थी। परंतु इस पूरे सिंडीकेंट के माफिया पुलिसकर्मियों पर पुलिस कार्यवाही करने से बचती नजर आई। जिसके चलते इनके हौसले बुलंद है और यह पुलिसकर्मी यहां खुलेआम लोगों को लूट रही है।

यहां बता दे कि बीते कुछ दिनों पहले देहात थाना क्षेत्र में एक होमगार्ड के सैनिक की प्रताड़ना से तंग आकर एक युवक ने जहर खाने का प्रयास किया था। जिसके चलते इस मामले में पुलिस ने होमगार्ड के सैनिक पर मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया था। इसके साथ ही कोतवाली क्षेत्र में डंडा बैंक के संचालक सहित अन्य लोगों पर इस मामले में चौथ वसूली की धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। परंतु जिले में हालात यह है कि यहां फिजीकल और देहात थाने में पदस्थ आरक्षक खुलेआम डंडा बैंक संचालित करते है और मोटा ब्याज वसूल करते है।

क्या इन आरक्षकों के पास है बसूली का लाइसेंस
यह जो पांच आरक्षक है वह देहात थाना और फिजीकल थाने में पदस्थ है। जो जरूरतमंदों को मोटे ब्याज पर पैसा उपलब्ध कराते है। इसके एवज में यह भोले भाले लोगों सें चैक ले लेते है और जब वह पैसे चुकता नहीं कर पाते तो उन्हें पुलिसिया भय दिखाकर इनसे बसूली करते है। इसके साथ ही यह आरक्षक जब बसूली नहीं हो पाती तो इनके चेक लगा देते है। कुल मिलाकर यह काला कारनामा कई सालों से जारी है परंतु पुलिस अपने ही विभाग में सफाई नहीं कर पा रही है। अब देखना यह है कि क्या नवागत पुलिस अधीक्षक इन पर कोई कार्यवाही करते है यां यह आरोपी आसानी से इन्हें लूटते रहेगें।

डंडा बैक से त्रस्त होकर की थी सोनू दीक्षित ने सुसाईड
बीते 1 सितम्बर 2022 को शहर के वि​वेकानंद कॉलोनी में रहने बाले युवक सोनू दीक्षित ने डंडा बैंक संचालकों से त्रस्त होकर सुसाईड किया था। इस मामले में सोनू के मोबाईल से पुलिसकर्मी सहित अन्य लोगों पर प्रताणित करने का आरोप लगा था। इस मामले में पुलिस ने आरोपीयों के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया। परंतु उक्त मामले में संलिप्त पुलिसकर्मी पर ​विभाग की और से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। जिसके चलते इन पुलिसकर्मीयोंं के हौसले बुलंद है।

ब्लैंक चैक रखकर देते है पैसे और फिर करते है बसूली
यह डंडा बैंक संचालक पहले तो जरूरत मंदों को जरूरत पढने पर पैसे उपलब्ध कराते है। उसके एवज में यह पीडित से ब्लैंक चैक गारंटी के तौर पर लेते है। जबतक पीडित लोग इनका व्याज देते रहते है तब तक तो यह कुछ नहीं कहते परंतु जब व्याज देना बंद कर देते है तो इन्हें यह भय दिखाकर बसूली करते है। जब बसूली नहीं हो पाती तो दिए गए पैसे का 10 गुना ज्यादा पैसा भरकर यह चैक बाउंस कराकर इसे कोर्ट में लगा देते है। और कोर्ट में बकील के माध्यम से नौसिट भेजकर इनसे बसूली करते है।

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