शिकवा नहीं किसी से किसी से गिला नहीं लिखा और शिवपुरी की बेटी ने अपने पति और दोनोंं बच्चों के साथ खाया जहर,चारों की मौत

शिवपुरी। आज शिवपुरी की एक बेटी ने अपने दोनों बच्चों की बीमारी से त्रस्त आकर पूरे परिवार सहित जहर खा लिया। जहां चारों की मौत हो गई। दंपत्ति अपने दोनों बच्चों की मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी से परेशान थे और उन्होंने इस बीमारी से हार मानकर यह कदम उठाया है। सुसाईड से पहले उन्होंने अपनी फेसबुक साईड पोस्ट की कि जैसा हमारे साथ हुआ है भगवान ऐसा दुश्मन के साथ न करे। हमारे इस कदम से किसी को जिम्मेदार न ठयराया जाए। हम यह कदम अपनी मर्जी से उठा रहे है। सब लोग हमें माफ करना।
दरअसल यह सुसाईड नोट लिखा है विदिशा के भाजपा नेता संजीव मिश्रा ने। इस सुसाईड नोट के बाद संजीव मिश्रा ने अपनी पत्नि सहित दो बच्चों के साथ जहर खाकर खुदकुशी कर ली है। बताया गया है कि यह पूरा परिवार अपने बेटों की लाईलाज बीमारी से इस कदर परेशान हो गया कि इस परिवार ने जिंदगी से आसान मौत का रास्ता चुन लिया।
क्या है मामला
बीते 26 जनवरी को पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था दूसरी और विदिशा में भाजपा के पूर्व पार्षद संजीव मिश्रा उम्र 45 साल ने पत्नी नीलम मिश्रा उम्र 42 साल, दो बेटे अनमोल उम्र 13 और सार्थक उम्र 7 साल के साथ सुसाइड कर लिया था। पुलिस जब घर पहुंची, तो दोनों बच्चे मृत अवस्था में पड़े थे, जबकि संजीव और नीलम की सांसें चल रही थीं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां दम तोड़ दिया। शुक्रवार को चारों का अंतिम संस्कार किया गया।
बताया गया है कि उनकी पत्नि नीलम मिश्रा शिवपुरी के बदरवास के राधामोहन दुवे निवासी कटरा मोहल्ला के बेटी थी। इनकी शादी वर्ष 2009 में विदिशा के संजीव मिश्रा के साथ हुई थी। नीलम के पिता राधामोहन दुबे जो कि कटरा मोहल्ला बदरवास में रहते है उनके ताउ डॉ श्रीबल्लभ दुवे जो कि बदरवास के प्रथम सरपंच रहे है। इस परिवार ने विदिशा के मिश्रा परिवार से नाता जोडा।
शादी के बाद पूरा परिवार खुश था। उसके बाद उनके यहां दो बेटे अनमोल और सार्थक पैदा हुए। उसके बाद दो बेटों के आने से पूरा परिवार खुश था। पत्नि ने भी नए जीवन को लेकर सपने संजोए थे। करीब एक साल बाद नीलम ने बेटे को जन्म दिया। नाम रखा अनमोल। बेटे के जन्म के बाद परिवार में खुशियां छा गईं। मिठाइयां बांटी गईं। समय के साथ अनमोल बड़ा होने लगा।
परंतु जब अनमोल 7 साल का कुछ दिनों बाद परिवार के उपर एक बीमारी विपदा बनकर टूट पडी। यह बीमारी थी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी। वर्ष 2015 में नीलम ने एक और बेटे को जन्म दिया। इसका नाम रखा सार्थक। परिवार में सब कुछ हंसी-खुशी चल रहा था। संजीव का होटल का बिजनेस भी बढ़िया चल रहा था। फिर एक बीमारी ने हंसते-खेलते परिवार को उजाड़ दिया।
इस बीमारी के चलते अचानक अनमोल को हाथ-पैरों में कुछ दिक्कत हुई। उसे चलने-फिरने में परेशानी होने लगी। डॉक्टरों को दिखाया। जांच में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की रेयर बीमारी बताई। यहीं से जीवन ने ऐसा टर्न लिया कि हंसते-खेलते परिवार की खुशियों को ग्रहण लग गया। अनमोल की हडि्डयां कमजोर होने लगीं। उसे चलने-फिरने में दिक्कत होने लगी। चलते-चलते गिर जाता था। खुद से उठ भी नहीं पाता था। अनमोल को शौच के लिए भी उठाकर ले जाना पड़ता था। घर पर ही स्कूल, ट्यूशन लगवा दिया। इस बीमारी के चलते मिश्रा परिवार ने अपनी 20 बीघा जमींन बेच दी। उन्होंने अपनी बीच बाजार में स्थिति बेसकीमती 5 बीघा जमींन भी बेच दी और पूरा पैसा बच्चों के इलाज में लग गया। उसके बाद जब हालात से वह लड नहीं पाए तो उन्होंने यह कदम उठाते हुए पूरे परिवार के साथ सुसाईड कर लिया।
सिविल लाइन थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह दांगी ने बताया कि घटना स्थल पर सल्फास की दो शीशी मिली हैं। इनमें एक शीशी का ढक्कन खुला था। मिठाई का एक खाली डिब्बा भी मिला है। आशंका है कि मिठाई में मिलाकर ही सभी ने जहर खाया होगा। अभी तक की जांच में पता चला है कि बीमारी से परेशान होकर सुसाइड किया है। सुसाईड नोट में तारीख 24 जनवरी दर्ज है। यानी वो पहले से मन बना चुके थे। आशंका है कि 24 जनवरी को भी खुदकुशी की कोशिश की हो, लेकिन हिम्मत नहीं कर पाए। जहर खाने के बाद चारों को जिला अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान पहले दोनों बेटों और बाद में संजीव मिश्रा, फिर उनकी पत्नी ने दम तोड़ दिया।