दिव्यांगजनों के जीवन को सुगम बनाने का हमारा प्रयास: सांसद डॉ के पी यादव

शिवपुरी में आज सामाजिक न्याय विभाग और अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा सामाजिक अधिकारिता शिविर का आयोजन किया गया इस शिविर में भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम जबलपुर के द्वारा चयनित दिव्यांग जनों को निशुल्क बैटरी से चले ट्राई साइकिल, हाथ से चलाने वाली ट्राई साइकिल सहित अन्य उपकरण प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम का आयोजन शिवपुरी शहर के मानस भवन में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गुना-शिवपुरी लोकसभा के सांसद डॉ केपी यादव रहे है।

सांसद डॉ केपी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार दिव्यांगों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है कोई भी दिव्यांगजन अपने आप को कमजोर न समझे सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिले की सभी अनुविभागों मे दिव्यांग शिविर लगाकर दिव्यांजनो के रजिस्ट्रेशन किए गए थे। फरवरी 2022 में आयोजित हुए शिविरों 611 दिव्यांजनो ने अपना पंजीयन कराया था। उक्त शिविर दिव्यांजनो का परीक्षण कर सूची बनाई गई थी। आज जिला मुख्यालय पर शिवपुरी जनपद क्षेत्र के रहने वाले दिवायंग जनों को बैटरी चलित ट्राइसाइकिल, ट्राई साइकिल, व्हील चेयर सहित अन्य उपकरण सांसाद केपी यादव द्वारा वितरित किए गए। सामाजिक न्याय विभाग के पवन शर्मा ने बताया आज इस कार्यक्रम में 14 बैटरी से संचालित ट्राई साइकिल, 23 ट्राइसाइकिल, 11 व्हील चेयर सहित अन्य कान की मशीन सहित कृतिम अंगों का वितरण कराया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य अनुविभाग क्षेत्रों में भी शिविर लगाकर ट्राइसाइकिल सहित कृतिम अंगो का वितरण अलग अलग दिनांक को किया जाएगा।

दिव्यांगों में झलकी खुशी – 

बैटरी से चलने वाली साइकिल मिलने पर दिव्यांगों में खुशी देखने को मिली मगरौनी क्षेत्र के खोड़ बाबरी के रहने वाले दिवायंग अमर सिंह आदिवासी का कहना है कि वह पहले ट्राई साइकिल से गांव गांव जाकर गोली-बिस्किट बेचने का कार्य करता था एक जगह से दूसरी जगह जाने में काफी समय खर्च हो जाता था। अब मुझे सरकार ने बैटरी वाली ट्राइसाइकिल दी है। इससे मेरा आने जाने का समय बचेगा, मेहनत भी नहीं लगेगी और मुनाफा भी ज्यादा होगा।

पिछोर तहसील के गुरु कुदवाया के रहने वाले दिव्यांग इमरत लाल का कहना है में किराने की दुकान करता हूँ मेरी दुकान मेरे घर से करीब पांच किलोमीटर दूर है। हर रोज परिवार का एक सदस्य मुझे लाने-ले जाने का कार्य करता था। अब मुझे बैटरी वाली ट्राइसाइकिल मिली है जिससे अब वह अकेला अपनी दुकान पर आ जा सकेगा।

नरवर की रहने वाली उर्मिला कुशवाह का कहना है कि वह ट्यूशन पढ़ाने का कार्य करती है। सेंटर पर हर रोज उस लाने ले जाने के लिए पति को परेशान होना पड़ता था। अब उसके पति को परेशान नहीं होना पड़ेगा वह खुद ही बैटरी वाली साइकिल चलाकर कर ट्यूशन सेंटर तक आ जा सकेगी। शिवपुरी शहर के जवाहर कॉलोनी की रहने वाली रचना जोशी का कहना है कि उसके पति मजदूरी करते हैं। अब वह भी बैटरी वाली साइकिल से रोजगार या नोकरी की तलाश में निकलेगी। जिससे वह अपने पति का हाथ बटा सकेगी।

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