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खाद को लेकर हाहाकार: नंबर के लिए रातभर इटों पर आधार-कार्ड रखकर सो रहे किसान,फिर भी खाद नहीं मिल रहा

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शिवपुरी। भले भी शिवपुरी में पीआरओ कार्यालय से खाद के स्टॉक को लेकर रोज प्रेस नोट जारी किया जा रहा है कि जिले में खाद की किल्लत नहीं है। किसानों को पर्याप्त खाद वितरित किया जा रहा है। परंतु धरातल पर हालात बेहद खराब है। यहां किसानों के बीच खाद को लेकर मारामार चल रही है। परंतु किसानोें को खाद फिर भी नहीं मिल पा रहा है। कोलारस की तो हालात यह है कि यहां किसान अपने नंबर के लिए ईटों पर आधाराकार्ड रखकर सेंटर पर ही टोकन के लिए जमींन पर रात गुजारने को मजबूर है। परंतु इस खबर प्रकाशन के बाद सरकारी प्रेसनोट जारी किया जाएगा कि खाद की कोई किल्लत नहीं है।

शिवपुरी जिले में किसानों ने खाद वितरण केंद्रों पर ही डेरा डाल लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से खाद नहीं मिली है। घर बार छोड़कर यहां पड़े हैं। प्रशासन ने सोमवार को अनाउंसमेंट कराया था। इसमें बताया गया था कि मंगलवार सुबह 8 बजे से कोलारस नई तहसील में टोकन बंटना शुरू होंगे और साढ़े 10 बजे से अनाज मंडी से खाद वितरण किया जाएगा।

किसानों को न रात में ​नींद और न दिन में खाना नसीब हो पा रहा
शिवपुरी के खतौरा गांव के रहने वाले किसान अंकित भार्गव ने बताया कि सोमवार रात से यहां आए हैं लेकिन मंगलवार को भी टोकन नहीं मिला। कई दिनों से खाद के लिए भटक रहे हैं। न खा पा रहे, न सो पा रहे हैं। दूसरे किसान ने बताया कि वह रविवार रात तीन बजे अपने गांव से आया है। सोमवार को खाद नहीं मिली। मंगलवार को खाद वितरण का अनाउंसमेंट सुना था। इसी के चलते उसने अपना नंबर ईंट पर आधारकार्ड रखकर लगाया ताकि सुबह जब वो उठे तो खाद का टोकन मिल जाए।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने किसानों से किया था वादा
7 अक्टूबर को शिवपुरी आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंच से कहा था- संसदीय क्षेत्र में किसानों को खाद के लिए परेशान नहीं होने देंगे। उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्रालय में बात करके गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के लिए 2545 मीट्रिक टन खाद लाने की बात की थी। जो रैक आई है, उसे अशोकनगर और शिवपुरी भेजा गया है। वहीं, गुना और अशोकनगर के लिए एनपीके खाद पहुंचाया गया है। इसके बावजूद खाद की कमी बनी हुई है।

मांग 25500 मीट्रिक टन, 5500 मीट्रिक टन ही खाद मिली
शिवपुरी के कृषि विभाग उपसंचालक यूएस तोमर ने कहा कि जिले के लिए 25500 मीट्रिक टन डीएपी खाद की खाद की मांग की थी। अब तक 5500 मीट्रिक टन खाद ही मिली है। 16 अक्टूबर को 1600 मीट्रिक टन की रैक शिवपुरी पहुंचने वाली है। फिलहाल, किसानों को NPK खाद इस्तेमाल करने की सलाह भी दी जा रही है। कोलारस तहसीलदार सचिन भार्गव ने बताया- 7 और 8 अक्टूबर को खाद बांटी गई थी। आज मंगलवार को कोलारस और बदरवास में एक-एक हजार खाद के कट्टे बांटे जाएंगे।

किसान एनपीके नहीं, डीएपी लेना चाहते हैं
कृषि उपसंचालक तोमर का कहना है कि एनपीके खाद नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P) और पोटैशियम (K) का मिश्रण होता है। यह डीएपी की अपेक्षा ज्यादा लाभदायक होता है। किसानों को डाई अमोनियम फास्फेट यानी डीएपी खाद की आदत है इसलिए इसकी डिमांड ज्यादा है।

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