PM के न्यौता पर हवाईजहाज में बैठ दिल्ली गई SHIVPURI की सुनीता: बोली-कभी कागज के तो कभी छत से गुजरते देखे थे हवाईजहाज, अब सपना हुआ पूरा

शिवपुरी। खबर जिले के हातोद ग्राम पंचायत से है जहां प्रधानमंत्री जन-धन कार्यक्रम के दौरान जिस सावित्री आदिवासी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मध्य प्रदेश से इकलौता संवाद हुआ था, उन्हें जब 26 जनवरी की परेड देखने के साथ संसद भवन और दिल्ली का लाल किला देखने बुलाया तो वह खुश नजर आई । सुनीता का कहना था कि जीवन में पहली बार उन्होंने हवाई जहाज देखा और उसमें बैठी। अब तक तो वह छत पर खड़ी होकर साल में एक दो बार इन्हें देखी थी और बचपन में कागज के बनाकर उड़ाती थी तब सोचा नहीं था कि हवाई जहाज में बैठेंगे। मोदीजी ने मेरा यह सपना पूरा कर दिया।

बता दें कि टोंगरा गांव की रहने वाली सुनीता आदिवासी ने बताया कि 22 जनवरी की शाम को वह शिवपुरी से भोपाल के लिए निकली। जहां मध्य प्रदेश से उनके अलावा खंडवा की आजीविका मिशन से जुड़ी कैलाश आदिवासी कोरकू उनके साथ थी। यात्रा के रोमांच को बताते हुए सुनीता ने बताया कि शाम 6 बजे वह भोपाल से दिल्ली के लिए हवाई जहाज में बैठे। और 1 घंटे में तो दिल्ली पहुंच गए। हवाई जहाज में बैठने के रोमांच को उन्होंने जीवन में घटी पहली बार की घटना बताया और कहा कि छत पर खड़े होकर जो हवाई जहाज को हम देखते थे, तो कभी सोचा नहीं था कि इसमें बैठने का अवसर मिलेगा। पहली बार हमें घूमने का अवसर हवाई जहाज से मिला और बड़े होटलों में हम रुके। यह सिर्फ प्रधानमंत्री से संवाद का नतीजा रहा।

दरअसल उनके संवाद जब हातोद में आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुआ था तो पूरी जीवटता के साथ उन्होंने आवास योजना के साथ-साथ अन्य योजनाओं की बेहतर जानकारी दी थी। यही वजह रही कि उनके बेहतर प्रदर्शन के आधार पर उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से दिल्ली आने का न्योता मिला। और 7 दिन का टूर उनका दिल्ली में रहा ।इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचकर उनके साथ फोटो भी खींची। लेकिन पीछे बैठे होने के चलते फोटो में वह नजर नहीं आ सकी, क्योंकि मध्य प्रदेश के साथ-साथ अन्य प्रदेशों से भी महिलाएं इसमें साथ थी। उन्होंने संसद भवन, लाल किला, लोटस टेंपल भी देखा और इसके बाद चंडीगढ़ की सैर करने के साथ-साथ वापस दिल्ली पहुंचने पर राष्ट्रपति भवन देखा।

यहां पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ उनका बहुत संक्षिप्त संवाद हुआ। जिसमें उन्होंने आजीविका मिशन के लिए बेहतर काम करने पर सराहना की। इसके बाद वहां से मथुरा और फिर आगरा होते हुए हम शिवपुरी आ गए। कुल मिलाकर इस यात्रा के दौरान देश के विभिन्न आदिवासी समुदाय के कल्चर को उन्होंने सीखा और मध्य प्रदेश की सहरिया आदिवासी जनजाति की विभिन्न गतिविधियों को अन्य लोगों से शेयर किया

इसके बारे में अरविंद भार्गव प्रभारी एनआरएलएम शिवपुरी ने बताया कि प्रधानमंत्री से जब संवाद टोंगरा की सुनीता आदिवासी के साथ हुआ था। तब मोदी ने उसे सराहा था। इसके बाद 22 जनवरी को इन्हें 7 दिन की विजिट पर दिल्ली जाने का अवसर मिला। जहां से लौटकर उन्होंने कई सारी यादें महिला समूह के साथ शेयर कीं। मध्य प्रदेश से सिर्फ दो आदिवासी महिलाएं इसमें शामिल हुई, जिसमें शिवपुरी से सुनीता और खंडवा से कैलाश कोरकू के नाम शामिल है।

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