मिलिए भ्रष्टाचार के ब्रांड ऑफिसर सिंह गुर्जर से,बिना ठहराव ,पुराने तालाब को नया बताकर ​कर दिया लाखों का भुगतान, किशन रावत ने खोला CEO के खिलाफ मोर्चा

शिवपुरी। इन दिनों कोलारस में जनपद पंचायत सुर्खिया बटौर रही है। यहां जनपद पंचायत सीईओ शासन के लाखों रूपए को ठिकाने लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड रहे है। दिन व दिन कोलारस जनपद पंचायत अपनी कारगुजारी के चलते सुर्खियों में है। यह लगातार अपने क्षेत्र में सुर्खियां भ्रष्टाचार के चलते बटौरते रहे है। परंतु अब हालात यह हो गई है कि यह अधिकारी अब अपनी ही सरकार के नेताओ के निशाने पर आ गए है।

दसअसल आज भाजपा नेता किशन रावत निवासी पडौरा ने कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ से कोलारस जनपद पंचायत में पदस्थ सीईओ की शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने बताया है कि कोलारस जनपद पंचायत सीईओ की मिली भगत से कोलारस की सभी ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार जारी है। कोलारस की हालात यह है कि ​यहां पदस्थ जनपद सीईओं इस कुर्सी पर बैठकर यहां सरकार के नियमों को ताक पर रखकर खुले​आम भ्रष्टाचार में लिप्त है।

किशन सिंह रावत का आरोप है कि जनपद पंचायत कोलारस द्वारा बिना ग्राम पंचायत बेहटा के ठहराव प्रस्ताव के ही अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब स्वीकृत कर समशान घाट की भूमि (जो कि शासकीय स्कूल के निकट है) में पुराने तालाब को नवीन तालाब दर्शाकर लगभग 7 लाख रूपए की राशि आहरित कर ली है। किशन रावत का आरोप है कि बेहटा ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर योजना के तहत शमशान घाट की भूमि पर जो कि शासकीय स्कूल से लगा हुआ है। यहां तालाब स्वीकृत करने के बाद वहां पुराने तालाब में ही कुछ मिट्टी डलवाकर लाखों रूपए की राशि का भुगतान कर दिया है।

किशन रावत का आरोप है कि मनरेगा के तहत करावाये जाने वाले उक्त कार्य को पूर्णतः नियम विरूद्ध कराया गया है उसके पीछे की बजह है 20 लाख रूपए की राशि को ठिकाने लगाना। 20 लाख रूपए के इस कार्य को महज उपरी खाना पूर्ति के साथ करके इस राशि को आहरित कर लिया है। जिसमें जेसीबी का भी उपयोग किया गया है। यहां शासन के नियमानुसार इस कार्य का 60 प्रतिशत कार्य मजदूरों से कराया जाना था। मनरेगा के इस निर्माण कार्य में सबसे पहले मजदूरों का भुगतान किया जाना था। परंतु यहां भी शासन के नियमों को ठेंगा दिखाकर सीईओ द्धारा मजदूरों का तो भुगतान नहीं किया गया। बल्कि 30 31 ​फर्जी बिल व्हाउचर्स के जरिए सीईओं की आईडी से 6 लाख 99 हजार रूपए का भुगतान कर दिया गया है।

किशन ​रावत का आरोप है कि यहां तक तो ठीक है परंतु जिस स्थान पर पहले से तालाब बना हुआ था उसी स्थान पर इन भ्रष्ट अधिकारीयों ने सांठ गांठ कर शासकीय विद्यालय के नजदीक तालाब को दिखावे के लिए बनबाकर राशि का आहरण किया है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि सीईओ की इस कार गुजारी से ग्रामीणों में रोश व्याप्त है।

जिसके चलते किशन रावत ने इस मामले की जांच करने की मांग कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ से की है। जिसके चलते इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। इस मामले में सीईओ ने मामले की जांच कराने के लिए टीम गठित करने की बात कही है।

Advertisement

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *