आखिर नियम क्या आम पब्लिक के लिए है, नपा ​CMO की गाडी का न रजिस्ट्रेशन है और न ही बीमा, फिर भी मंत्रियों के पीछे दौड रही है

सतेन्द्र उपाध्याय @ शिवपुरी। यह गाडी जो आप देख रहे है यह कोई मामूली गाडी नहीं है ​बल्कि शिवपुरी नगर पालिका के सीएमओ की गाडी है। जो खुलेआम नियमों को ठेंगा दिखाकर शहर की सडकों पर फर्रार्ट भर रही है। ऐसा नहीं है कि यह गाडी शहर के किसी कबाड खाने में रखी हुई है बल्कि यह किसी भी मंत्री,संत्री और कितने भी बीआईपी दौरे में सबको फोलो करते हुए दिखाई देती है।

शिवपुरी में प्रशासन को बिना हेलमेट ​लगाए लोग तो दिखाई दे रहे है। यहां विभाग को गाडियों पर नंबर प्लेट भी दिखाई दे रही है। शराबीयों पर भी पुलिस कार्यवाही कर रही है। परंतु यह गाडी शिवपुरी प्रशासन को नहीं दिख रही। इसके पीछे कारण क्या है यह तो आप समझ ही गए होगें

दरअसल नगर पालिका परिषद शिवपुरी के तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने पुरानी गाडी जो ऋषिका अष्ठाना के समय में खरीदी गई थी उसे जनानी गाडी बताते हुए उसमें बैठने से इंकार करते हुए नगर परिषद की पीआईसी में नई गाडी खरीदने का प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव रखने के बाद नगर पालिका द्धारा टाटा सफारी स्टॉर्म खरीदी गई।

नई गाडी खरीदने के बाद अब इस गाडी का VIP नंबर को लेकर इसका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया और तब तक नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल का कार्यकाल समाप्त हो गया। यह कार्यकाल समाप्त होते ही यह गाडी नगर पालिका में खडी हो गई और उसके बाद इसे नगर पालिका सीएमओ को दे दी। इस गाडी में घूमते हुए दो सीएमओं बदल गए और इस गाडी को तीन साल का समय भी हो गया। परंतु यह आरटीओं में रजिस्ट्रर नहीं हो पाई।

इसके साथ ही न तो इसका बीमा है और न ही नंबर प्लेट। इसके बाद यह शिवपुरी की सडकों पर खुलेआम दौड रही है। यह बकायदा शहर की सडकों पर,मंत्रीयों के दौरे में और यहां तक की भोपाल की भी भागदौड कर रही है। न इस गाडी पर आज दिनांक तक कोई नंबर है बस इसपर सीएमओ की प्लेट जरूर लगा रखी है।

अब यह सबाल उठता है कि शहर में जितने भी कानून है वह क्या आम जनता के लिए है। शहर की पुलिस,आरटीओं और तमाम जिम्मेदारों को यह दिखाई नहीं दे रही कि आखिर अगर इस बाहन से कोई घटना घटित हो गई तो फिर जिम्मेदार आखिर कौन होगा।

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