स्वर्गीय डॉ अखिल बंसल की छठवीं पुण्यतिथि: अपार संभावनाओं से परिपूर्ण डॉ अखिल का जल्द चले जाना गहरी क्षति: डॉ HP जैन

शिवपुरी। साहित्य जगत के होनहार कवि स्वर्गीय अखिल बंसल की छठवीं पुण्यतिथि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वीर सावरकर पार्क स्थित मधुसूधन चौबे की निशुल्क कक्षाओं में कलमदान कर मनाई।

सर्वप्रथम ज्ञान की देवी माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया।तत्पश्चात स्वर्गीय अखिल बंसल के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर उनका स्मरण किया गया।
इस अवसर पर अपनी और से शाब्दिक श्रद्धांजलि देते हुए शिवपुरी के वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक वरिष्ठ कवि व शायर डॉ एच पी जैन ने कहा कि डॉ अखिल को मैने बचपन से देखा। मेरी बेटी और डॉ अखिल एक ही कक्षा में थे, वह मेरे पुत्र समान थे।वह बचपन से ही मेधावी थे,अपार संभावनाओं से युक्त थे,बहुत कुछ करने की ललक उनमें थी।

वह एक अच्छे चिकित्सक,अच्छे कवि,अच्छे लेखक तो थे ही बहुत ही अच्छे इंसान भी थे।उनकी कई कृतियां प्रकाशित हो चुकी है,जो काव्य के प्रति उनके समर्पण और निष्ठा को प्रदर्शित करती है।जो काम कई साहित्यकार वर्षो में नही कर पाते वह स्वर्गीय अखिल ने अल्पायु में कर दिखाया।निश्चित ही उनका जाना शिवपुरी साहित्य के लिए बड़ी क्षति है।

इस अवसर पर मधुसूधन चौबे ने अपने विद्यार्थियों से स्वर्गीय अखिल से प्रेरणा लेकर सफलता प्राप्त करने की बात कही तो युवा कवि आशुतोष ओज ने विद्यार्थियों से हर मोर्चे पर डटकर जीवन मे सफलता प्राप्ति के लिए अपने गीत हो समय चक्र विपरीत कभी,विपदा का घना अंधेरा हो,मन मे आशा का दीप जला बस कर्म प्रतिफल तेरा हो,सुना सभी को प्रेरित किया।

स्वर्गीय अखिल के पिता और शिवपुरी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ डी के बंसल ने प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अध्ययनशील विद्यार्थियों को कलम भेंट कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर माधव शरण द्विवेदी,विनोद शर्मा,सुशील तिवारी के साथ साथ सैकड़ो की तादाद में बच्चे उपस्थित रहे।

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