पटवारी भर्ती परीक्षा की टॉप 10 में टॉप 5 वें नंबर की छात्रा पूजा रावत का VIDEO वायरल,बोली घर की स्थिति दयनीय,मन दुखी ,देखें पूरी VIDEO

शिवपुरी। आज शिवपुरी में शोसल मीडिया पर एक युवती का वीडियों चर्चा का विषय बना हुआ है। इस वीडियो में शिवपुरी की एक युवती जिसका पटवारी परीक्षा में चयन हुआ है और वह टॉप टेन में 5 वें स्थान पर है। अब उसने इस चयन के बाद लग रहे आरोपों के बीच एक वीडियों बायरल किया है। जिसमें यह युवती अपनी पूरी स्थिति बताती हुई नजर आ रही है।

बताया जा रहा है कि मध्यपद्रेश की टॉप टेन की सूची में पांचवें नंबर पर शिवपुरी के करैरा की पूजा रावत का नाम है। इस सूची में सात टॉपर ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज से थे इसके अतिरिक्त भोपाल के 2 छात्र और सागर से एक छात्र ने टॉप 10 की सूची में स्थान पाया था। लेकिन ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज से एक साथ 7 अभ्यर्थियों के नाम टॉप टेन की सूची में शामिल होने से विवाद खड़ा हो गया था। ​इसे लेकर मुख्यमंत्री ने भी मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए है।

परंतु इन सात टॉपरों की सूची में शामिल होने वाली शिवपुरी जिले की रहने वाली एक छात्रा पूजा रावत भी है। जिसने कढ़ी मेहनत कर 177 अंक लाकर टॉपर सूची में पांचवा स्थान हासिल किया। पूजा रावत अपनी मेहनत से खुश हैं लेकिन भर्ती प्रक्रिया के विरोध के बाद उनका मन भी दुखी है। मन की पीढ़ा वयां करते हुए पूजा रावत ने एक वीडियो जारी कर अपनी व्यथा से अवगत कराया है।

पहले देखें पूजा रावत द्धारा वायरल किया गया वीडियों

पूजा रावत ने वीडियो जारी कर बताया कि हाल ही में पटवारी परीक्षा के परिणाम घोषित हुआ है। जिसको लेकर बहुत सारे विवाद हो रहे हैं। मैंने भी पटवारी का फॉर्म भरा था। जिसमें मेरा सेंटर एनआरआई कॉलेज में था। यह मुझे शासन के अनुसार दिया गया था, ना कि मेरे मन के मुताबिक। उस कॉलेज में पहली बार परीक्षा देने पहुंची थी इससे पहले एनआरआई कॉलेज मैंने कभी नहीं देखा और ना ही मैने उस कॉलेज में पढ़ाई की ओर ना ही मैं कभी गई।

परीक्षा के नियमानुसार मैंने एनआरआई कॉलेज में पहुंचकर परीक्षा दी थी। मेरा एग्जाम अच्छा गया था मुझे अच्छे नंबर मिले थे। यह बात मैंने घर पर बताई थी कि हो सकता है कि इस एग्जाम में मुझे पटवारी की नियुक्ति मिल जाए इससे मेरा पूरा परिवार खुश था। पटवारी परीक्षा परिणाम आने के बाद मुझे खुशी हुई थी।

पूजा रावत ने कहा कि मैंने टॉप टेन की सूची में पांचवे स्थान पर अपनी जगह बना ली थी। लेकिन कुछ ही दिनों में पटवारी परीक्षा में में हुए फर्जीवाड़े के आरोप लगना शुरू हो गए थे। 15 लाख रुपए देकर भर्ती होने तक की चर्चाएं की गई। लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि मैं 15 लाख रुपए देकर पटवारी की भर्ती में चयनित हो सकूं।

पूजा ने बताया कि मुझे अफसोस हो रहा है कि मैं मध्य प्रदेश मे रही हूं कुछ नेता लगातार कई प्रकार के आरोप लगा रहे हैं। उन नेताओं को आकर मेरी व मेरे परिवार की स्थिति देखनी चाहिए तब जाकर अपने बयान देने चाहिए।

पूजा रावत ने बताया है कि वह करैरा अनुविभाग के वांसगढ गांव की रहने बाली है। उसके पिता मातादीन रावत पैसे से किसान है। उनके पास महज 8 से 9 बीघा जमींन है और वह इसी जमींन पर खेती करते है। जिस पर खेती कर मेरे पिता परिवार पालते हैं। में तीन बहनों में सबसे छोटी बहन हूं। मेरी दोनों बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। मेरा एक शादीशुदा भाई भी है। जिसके बच्चे भी हैं। मेरे पिता ने जैसे-तैसे मुझे पढ़ाया। इसके बावजूद लोग 15 लाख देकर पटवारी बनने के आरोप लगा रहे हैं।

बमुश्किल पढाई कराने तैयार हुए परिजन
पूजा ने बताया कि गांव में शिक्षा हासिल करने के बाद एक गांव की बेटी को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मेरे साथ भी ऐसा हुआ था। मैंने 2017 में 12th चिनोर के गल्स होस्टल में रहकर पास किया था। मैं आगे पढ़ना चाहती थी लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण मेरे पिता ने मुझे पढ़ाई छोड़ने की बात कही थी। परिचित रिश्तेदारों ने भी कुछ साल बाद शादी करने की बात कहते हुए मेरे पिता को सलाह दे दी थी। मैने जैसे-तैसे अपने पिता को ग्वालियर में रहकर आगे की पढ़ाई की तैयारी को राजी कर लिया था।

कुछ साल पहले में ग्वालियर में रहने आई। जहां मैने गर्ल्स हॉस्टल में रहकर पॉलिटेक्निक की और साथ मे एसएससी सहित अन्य परीक्षाओं की तैयारी की। इससे पहले मैं एमपी पुलिस और एसएससी जीडी की परीक्षा दे चुकी हूं लेकिन मुझे सफलता नहीं मिली। इसके बाद मैने तैयारी जारी रखी। दिन-रात एक कर दिए। इसके बाद मैने पटवारी की परीक्षा दी थी। जिसमें मुझे मध्यप्रदेश में टॉप 10 की सूची में पांचवां स्थान मिला। पूजा का कहना है कि मैने वीडियो जारी कर अपनी व्यथा समाज और सरकार के सामने रखा है। अब पीडिता ने इस वीडियों के जरिए अपनी पूरी व्यथा रखी है।

पत्रकार दुर्ग सिंह लोधी ने लगाए गंभीर आरोप
​इस मामले का वीडियों वायरल होने के बाद इस मामले में पत्रकार दुर्ग सिंह लोधी ने एक कमेंट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि इनके ग्वालियर में मकान है 3 करोड के गबन में इसके मामा जी फंसे है और पिताजी शिक्षक है सरकारी,ग्वालियर के पडोसियों का कहना है कि अभी कोचिंग जाते तक नहीं देखा इसे। अब इस मामले में सच्चाई क्या है यह तो आने बाला समय ही बताएगा।

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