देवरानी- जेठानी ने चाचा को मृत घोषित कराकर वसीयतनामा कर अपने नाम कराई जमींन ,7 के खिलाफ मामला दर्ज,कोर्ट ने दोनों को भेजा जेल

शिवपुरी। खबर जिले के नरवर थाना क्षेत्र से आ रही है। जहां 7 आरोपीयों ने कूट रचित दस्तावेजों के ​जरिए अपने ही चाचा को मृत घोषित कर उसके नाम का फर्जी वसीयतनामा बनाकर जमींन अपने नाम करा ली थी। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपी पहले से जेल में है। जबकि दो आरोपीयों को कोर्ट ने जमानत दे दी थी। इस मामले में आज देवरानी और जेठानी ने न्यायालय में सरेंडर किया। जहां दोनों को कोर्ट ने जेल भेज दिया। जेल जाने वाली एक महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है।

जानकारी के अनुसार नरवर तहसील के रामनगर के रहने वाले राम कुमार बरहार पुत्र गरीबदास बरहार ने एक शिकायत करेरा थाने में दर्ज कराई थी। पीड़ित ने बताया था कि मेरे चाचा ने मिलकर ग्राम करोठा गांव में मेरी जमीन को हथियाने के लिए मेरे चाचा मिट्ठन पुत्र देवीलाल बरहार ने अपने दोनों बेटे महेश, हितेश और मिट्ठन के नगरा झांसी के रहने वाले दामाद मनोज बरहार के साथ मिलकर राम निवास पुत्र सुदामा ब्राह्मण की मदद से जमीन हड़पने की साजिश रची थी।

सबसे पहले उक्त लोगों ने मिलकर ममता पत्नी महेश और उमा पत्नी हितेश के नाम कूट रचित वसीयतनामा सात जुलाई 2008 को बनवा लिया, जिसमें मनोज का फोटो लगाया गया और हस्ताक्षर करवाए गए। इस वसीयतनामे पर मिट्ठन ने गवाई के तौर पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद ममता पत्नी महेश और उमा पत्नी हितेश के नाम नामांतरण भी करा लिया गया।

राम कुमार बरहार ने बताया कि मुझे मेरी जमीन पर कुआं खुदवाने के लिए लोन की आवश्यकता पड़ी थी, जब मैंने लोन के लिए अप्लाई किया था तो मुझे बताया गया कि वह तो लोगों ने षड्यंत्र कर मेरी जमीन के कूट रचित वसीयतनामा के आधार पर मुझे मृत घोषित कर मेरे नाम का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर मेरी जमीन का नामंत्रण भी करा लिया है। इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई थी।

एक रिटायर्ड चपरासी,2 शिक्षक और एक आंगनवाडी कार्यकर्ता शामिल
इस मामले में करैरा थाना पुलिस ने तहसील से चपरासी के पद से रिटायर हुए मिट्ठन पुत्र देवीलाल बरहार, मिट्ठन के दोनों सरकारी शिक्षक महेश और हितेश, ममता पत्नी महेश (आंगनवाड़ी कार्यकर्ता) और उमा पत्नी हितेश, मनोज बरहार और रामनिवास ब्राह्मण के खिलाफ कूट रचित दस्तावेज तैयार करने सहित धोखाधड़ी की धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया था।

इस मामले में मिट्ठन पुत्र देवीलाल बरहार और मनोज फिलहाल जेल में है। दोनों शासकीय शिक्षक जमानत पर बाहर आ चुके हैं। वही रामनिवास ब्राह्मण इस मामले में अब तक फरार चल रहा है। उमा बरहार और ममता बरहार (आंगनवाड़ी कार्यकर्ता) ने न्यायालय में सरेंडर किया था, लेकिन न्यायालय ने दोनों देवरानी और जेठानी को जेल भेज दिया।

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